हर इंसान काम करके एक समय बाद थक जाता हैं या फिर ज्यादा काम करने पर हम बीमार पड़ जाते हैं| बीमार पड़ने के बाद हम डॉक्टर के पास जाते हैं| डॉक्टर पहले हमारी बीमारियों की जांच-पड़ताल करता हैं उसके बाद उस बीमारी की दवा देता हैं जिसे खाकर हम स्वस्थ हो जाते हैं|
डॉक्टर जो दवाइयाँ हमे देते हैं उनमें सीरप, टेबलेट और कैप्सूल होते हैं। इन सभी चीजों का सेवन हर इंसान अपने जीवन में कभी ना कभी जरूर करता हैं| लेकिन इनमें सबसे अलग कैप्सूल होता हैं| यह देखने में काफी रंग-बिरंगा होता हैं और देखने में भी अच्छा लगता हैं|
लेकिन कैप्सूल के ऊपर एक ट्रांस्पेरेंट जैसी चीज कोट की गयी होती हैं और इसके अंदर ही मेन दवाई रहती हैं| कैप्सूल के ऊपरी भाग को देखने या छूने से प्लास्टिक जैसा लगता हैं लेकिन यह प्लास्टिक से नहीं बनाया गया होता हैं|
दरअसल प्लास्टिक जैसी दिखने वाली ये ऊपरी परत जिलेटिन से बना होता हैं| आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि जिलेटिन एक पशु उत्पाद है। अर्थात इसको बनाने में जानवरों का इस्तेमाल किया जाता है।
जिलेटिन एक रेशेदार पदार्थ होता है| जो जानवरों के हड्डियों या त्वचा को उबालकर निकाला जाता है। इसके बाद इसको प्रॉसेस करने के बाद चमकदार और लचीला पदार्थ बनाया जाता है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान समय में लगभग 98 फीसदी दवा कंपनियाँ जिलेटिन कैप्सूल का इस्तेमाल कर रही हैं।