‘भैया हम गरीब हैं, वीडियो बनवाकर गरीबी की नुमाइश मत करों’..

आर्थिक तंगी से पारले जी के बिस्कुटों का स्वाद भी भूल गए गरीबों के बच्चे, लेकिन स्वाभिमान नहीं पड़ा कमजोर

कथित समाजसेवियों से भोजन पैकेट आदि मद्द लेने से कर रहे इंकार

औरैया । भैया, वीडियो मत बनाओ, हमें खैरात नहीं चाहिये, वीडियो बनाकर दी जाने वाली खैरात से हम गरीबों की नुमाइश मत करो। यह कहकर मु​फलिसी में गुजारा रहे गरीब अब समाजसेवा के नाम पर नाम चमकाने वालों को देख दरवाजा बंद कर रहे हैं। यह कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत है।

समाजसेवी का चोला ओढ़कर घर—घर अपनी राजनीतिक छवि बनाने के लिए निकले लोगों ने जब बाबरपुर कस्बे के एक मोहल्ला निवासी एक गरीब महिला को सरकारी सहायता दिलाये जाने की बात कहकर उसका वीडियो बनाना शुरू किया। तो उसने उक्त बातों से समाजसेवियों के मुंह पर तमाचा जड़ते हुये अपने दोनों मासूम बेटियों को अंदर घर के अंदर करते हुये दरवाजा बंद कर लिया।

तहसील क्षेत्र में तहसील प्रशासन द्वारा क्वारेंटाइन किये लोगों को नाश्ता और भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। वही क्षेत्र के राशन कार्ड/मनरेगा कार्ड/एकाउंट विहीन चिन्हित किये गए गरीब परिवारों को बोरी में राशन सामग्री भरकर दी जा रही है। नगर पंचायत प्रशासन भी गरीबों को भोजन का प्रबन्ध कर रहा है लेकिन कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंकते हुये नजर आ रहे हैं। वह कभी सब्जी—पूड़ियां, तो कभी थोड़ी सी खिचड़ी लेकर गरीबों की बस्ती में जाकर फोटो और वीडियो बनाकर फेसबुक और व्हाट्सअप पर पोस्ट करने में जुटे हैं। इसके माध्यम से अपना चेहरा चमकाने में जुटे हुये हैं। साथ ही राशन कार्ड बनवाने और राशन दिलाने के नाम पर वीडियो बनाने में जुटे हुये हैं।

इसी कड़ी में नगर पंचायत के एक मोहल्ला में एक गरीब के दरवाजे पर उसे राहत सामग्री दिलाने की बात कहते हुये तथाकथित समाजसेवियों ने जब उसका वीडियो बनाना शुरू किया, तो उसने खैरात की पूड़ी और सब्जी लेने से इनकार कर दरवाजा बंद लिया।

बाहर रहकर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले पति की आमदनी लॉक डाउन से बन्द हो गई। घर में ही सिलाई आदि कर गुजारा करने वाली महिला को भी सिलाई का काम मिलना बंद है। खाते में जमा करीब डेढ़ हजार रुपये भी खत्म हो गए। पति की दिहाड़ी मजदूरी और स्वयं की सिलाई लॉक डाउन के चलते बन्द हो जाने से आर्थिक तंगी ने जोर पकड़ लिया। दो मासूम बेटियां भी आर्थिक तंगी में पारले जी के बिस्कुटों का स्वाद भूल गई हैं, लेकिन खुदगर्जी और स्वाभिमानी महिला ने प्रदर्शन करने वाली आर्थिक मदद को लेने से इनकार कर दिया।

एसडीएम रमेश यादव ने बताया कि गुमराह करने वाले ऐसे लोगों को चिन्हित कर अवगत कराएं, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। गरीब/पात्र लोग किसी के बहकावे में न आएं। तहसील के कंट्रोलरूम नम्बर 8954020304 पर स्वयं सूचना दें। किसी को भी घर से बाहर निकलने की आवश्यकता नहीं है। विभागीय कर्मचारी स्वयं उसके यहाँ पहुंचकर जांच कर राशन उपलब्ध करवाएगा। साथ ही राशन कार्ड भी बनवाकर, सरकारी राशन भी मुहैया कराया जाएगा।

खबरें और भी हैं...