कोरोना आपदा के समय भी जबरन काटा जा रहा है राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कर्मियों का मानदेय

एनआरएलएम कर्मियों ने डीसी पर लगाया प्रधान मंत्री की अपील एंव शासन के निर्देश को ताक पर रखने का आरोप

लाकडाउन अवधि में जबरन चिकित्सकीय अवकाश चढ़ा पे रोल मुख्यालय भेजने का आरोप

क़ुतुब अन्सारी

बहराइच l इस समय पूरा देश कोरोना जैसी भयंकर महामारी से लड़ रहा है। पूरे देश में लाकडाउन के दौरान सभी लोग अपने अपने घरों में ही रुके है। रोज़गार धंधे बंद है कर्मचारी चाह कर भी काम पर नही जा पा रहे है। लोगो के समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। नागरिको की पीड़ा समझते हुये देश के प्रधानमंत्री जी ने सभी से अपील की थी कि कोई भी अपने अपने अधीनस्थ की मजदूरी ना काटे। इसके साथ ही शासन से भी किसी कर्मचारी की जबरन वेतन कटौती न किये जाने की एडवाइज़री भी जारी हुई थी इन सबके बावजूद जनपद बहराइच में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कार्यरत कर्मियों का लाकडाउन के दौरान मानदेय काटे जाने का मामला सामने आया है।


मंगलवार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कर्मियों ने मुख्य विकास अधिकारी बहराइच को पत्र लिखकर अवगत कराया कि कई विकास खंड अधिकारियों की अोर से हमलोगो को लाकडाउन के दौरान पूरा मानदेय दिलाने हेतु पूरे माह के पे रोल की संस्तुति की गयी थी किंतु उपायुक्त (स्वत: रोजगार) की ओर से उपरोक्त पे रोल पर लाक डाउन अवधि के दौरान जबरन चिकित्सकीय व आकस्मिक अवकाश चढ़ा पे रोल मुख्यालय भेज दिया गया। जबकि किसी भी कर्मी ने चिकित्सकीय व आकस्मिक अवकाश की मांग तक नही की थी।


एनआरएलएम‌ कर्मियों ने बताया कि‌ लाकडाउन के दौरान हमारे किसी साथी को कोई परिचय पत्र नही दिया गया जिससे कार्यालय आने में काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद हमारे कई साथियो ने ब्लाक मुख्यालय आकर कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु कार्य भी करते रहे।  कर्मियों का आरोप है कि उपायुक्त (स्वत: रोजगार) हमलोगो का मानदेय हमेशा किसी न किसी बहाने से काट लेते है  पिछले 7 माह से हमलोगो को अनुमन्य मासिक भत्ते भी नही दिये गये है। अत: सीडीअो बहराइच को पत्र लिख मामले का संज्ञान ले उचित कार्यवाही करने की मांग की गयी है।


उपरोक्त प्रकरण पर उपायुक्त (स्वत: रोजगार) सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कर्मियों की ओर से मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद व फर्जी हैं। इसका वास्तविकता से कोई सम्बंध नही है। मेरे विरुद्ध दिये गये ज्ञापन में मिहींपुरवा एंव पयागपुर के किसी भी कर्मी ने हस्ताक्षर नही किये है तथा ज्ञापन में कई लोगो के फर्जी हस्ताक्षर भी बनाये गये है। इसके अलावा ज्ञापन में सभी कर्मियों का  मानदेय काटने का आरोप लगाया गया है जो कि गलत है। उन्होने कहा कि लाक डाउन के नियमों के तहत जो व्यक्ति जहां था उसे वहीं रुकना था किंतु कई कर्मी बिना बताए अपने अपने घरों को चले गए एवं संपर्क करने पर भी मुख्यालय उपस्थित नहीं हो पाए। सिर्फ उन्हीं कर्मियों के पे रोल पर अवकाश सम्मिलित कर अग्रसारित किया गया है।

बॉक्स:-मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद व फर्जी हैं सभी कर्मियों का  मानदेय काटने का आरोप गलत है। लाक डाउन के नियमों के तहत जो व्यक्ति जहां था उसे वहीं रुकना था किंतु कई कर्मी बिना बताए अपने अपने घरों को चले गए एवं संपर्क करने पर भी मुख्यालय उपस्थित नहीं हो पाए। सिर्फ उन्हीं कर्मियों के पे रोल  पर अवकाश सम्मिलित कर अग्रसारित किया गया है।
     सुरेंद्र कुमार गुप्ता
उपायुक्त (स्वत: रोजगार)

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