बॉयज लॉकर रूम: पुलिस ने की 9 छात्रों से लंबी पूछताछ, इंस्टा से भी मिली कुछ खास जानकारी


नई दिल्ली,.
ब्वॉयज लॉकर रूम में मामले की जांच में जुटी साइबर सेल ने ग्रुप के शुक्रवार को भी 9 छात्रों से लंबी पूछताछ की। पूछताछ के दायरे में आने वाले सभी छात्र दिल्ली और नोएडा के नामी स्कूलों में पढ़ने वाले हैं। साइबर सेल ने इन्हें अपने कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की। उधर इंस्टाग्राम से भी पुलिस को ग्रुप ने उन छात्रों के बारे में भी कुछ जानकारी मिली है, जिसके आधार पर पुलिस छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। इस मामले में अबतक ग्रुप एडमिन को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक नाबालिग को भी पुलिस ने दबोचा है।

इंस्टा से मिली जानकारी पर पूछताछ
उधर ग्रुप एडमिन से पूछताछ के बाद भी ब्वॉयज लॉकर रूम के जिन छात्रों का ब्यौरा हासिल नहीं हो पाया था। उनके बारे में इंस्टाग्राम से और तकनीकी आधार पर जो जानकारी हासिल की गई है, उसके आधार पर भी कुछ छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इसमें से गुरुवार को जिन छह छात्रों को बुलाया गया था, उनमें से दो अन्य को दोबारा बुलाया गया था, जबकि सात नए लोगों को जांच के दायरे में रखा गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या कुछ और बालिग छात्रों को गिरफ्तारी होगी तो इसके जवाब में जांच से जुड़े साइबर सेल के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। उसके आधार जो भी दोषी पाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ग्रुप के तीन साइलेंट मेंबर ने मांगी माफी

वहीं बवॉयज लॉकर रूम ग्रुप के कुल 27 सदस्यो में से तीन साइलेंट मेंबर ने कहा कि उन्होंने ग्रुप में कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की है। वे चैट का हिस्सा नहीं रहे। इसलिए उन्हें माफ कर दिया जाए। इतना ही नहीं इन तीन नाबालिग सदस्यों ने ग्रुप का हिस्सा होने पर भी अफसोस जताते हुए जिन जानकार छात्राओं पर अश्लील कमेट किए गए थे, उनसे भी माफी मांग रहे हैं। उधर साइबर सेल इनकी भूमिका की बारीकी से जांच कर रही है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इन्होंने क्या सचमुच कोई चैट नहीं किया है या फिर झूठ बोल रहे हैं। इसके लिए पुलिस ने जहां कुछ सदस्यों के मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। वहीं ग्रुप के चैट को रिकवर करने में भी जुटी हुई है, ताकि सभी सदस्यों की भूमिका की जांच हो सके।

कैसे बना ग्रुप और बढ़े इसके मेंबर्स
इस लड़के ने बताया कि वह दो महीने पहले अपने एक कॉमन फ्रेंड के जरिये ग्रुप में जुड़ा था। उसके साथ कोचिंग जाने वाले लड़के ने ग्रुप बनाया था और उसी से उसमें सबको जोड़ा था। शुरू में हाय-हेलो जैसी बातचीत हुई और जब उसे समझ नहीं आया तो उसने ग्रुप को म्यूट कर दिया। उसके बाद उसने ग्रुप खोलकर तभी देखा, जब स्क्रीनशॉट वायरल हो गए थे। उसके दोस्तों ने फोन करके बताया कि वायरल स्क्रीनशॉट में उसका भी नाम है।

लीक होने लगे स्‍क्रीनशॉट्स तो शुरू हुई सफाई
जब लड़कों को पता चला कि ग्रुप के स्क्रीनशॉट लीक हो रहे हैं, तो उन्होंने उन सदस्यों को निकालना शुरू किया, जिसने कोई भी मेसेज नहीं भेजा था। ग्रुप में लड़कियों की फोटो मांगी जाती थी। ग्रुप में किसी लड़की की अश्लील विडियो भी आई थी, लेकिन ग्रुप डिलीट होने के कारण इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी।

कैसे खुला मामला?
इस ग्रुप में 27 छात्र थे। ज्यादातर एक दूसरे को पर्सनली नहीं जानते थे। रोज ग्रुप में लड़कियों के फोटोज शेयर होते और लड़के उनपर अश्लील कॉमेंट करते। जिस छात्र ने यह खुलासा किया उसे ऐडमिन ने दूसरे मेंबर के कहने पर ग्रुप में जोड़ लिया था। फिर उस लड़के ने जब अपनी ही फ्रेंड की तस्वीर पर पड़ी तो वह हैरान रह गया। उसने फटाफट स्क्रीनशॉट लेकर उस लड़की को भेज दिया और ग्रुप से जुड़ी सारी बातें भी बता दीं। इसके बाद उस लड़की ने अपनी सहेलियों से बात शेयर की और धीरे-धीरे ये स्क्रीनशॉट वायरल हो गए। 

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