मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर बालिका गृह सेक्स कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर जांच एजेंसी का शिकंजा कसता ही जा रहा है. रविवार को CBI ने आश्रय गृह यौन उत्पीड़न कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बेटे को शिंकजा कसा और उसे हिरासत में लिया।
टीम ने 11 घंटे तक घर में सर्च ऑपरेशन और पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया. सीबीआई की टीम ठाकुर के साहू रोड स्थित आवास पर सुबह करीब नौ बजे पहुंची और रात आठ बजे के करीब उसके बेटे राहुल आनंद के साथ वहां से रवाना हुई. आनंद, हिंदी दैनिक ‘प्रात: कमल’ का प्रकाशक और संपादक है जो उसके आवासीय परिसर और आश्रय गृह के अंदर ही स्थित है.
हथियारों से लैस कमांडो के साथ पहुंची सीबीआई
केंद्रीय जांच ब्यूरो के डीआईजी अभय कुमार के नेतृत्व में टीम सशस्त्र कमांडो के साथ मुजफ्फरपुर के साहू रोड स्थित ठाकुर के आवास पर पहुंची. परिसर में घुसने के बाद कमांडो ने अंदर से मुख्य दरवाजा बंद कर दिया जिससे मीडिया और आसपास मौजूद लोग अंदर नहीं घुस पाए. समझा जाता है कि सीबीआई की टीम ने सील खोलकर आश्रय गृह की जांच की और दस्तावेजों एवं अन्य सामग्री को इकट्ठा किया. फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ सीबीआई की टीम ने घर के पीछे की जगह की भी जांच की जिसकी पिछले महीने पुलिस ने खुदाई की थी. आश्रय गृह में रहने वाली लड़कियों ने आरोप लगाए थे कि कुछ वर्ष पहले कर्मचारियों ने एक लड़की को पीट-पीट कर मार डाला था और उसके शव को घर के पिछले हिस्से में दफना दिया था जिसके बाद पुलिस ने वहां खुदाई की थी.
बालिका गृह की खुदाई को फिर मंगाई जेसीबी
दिन भर चली खुदाई में कुछ भी असंगत नहीं पाया गया और आठ फुट गहरे गड्ढे को फिर से भर दिया गया. इस बीच, सीबीआई ने भारी अर्थ मूवर मशीनों को वहां तैनात किया, लेकिन दिन में कोई खुदाई नहीं की गई. बिहार सरकार ने गैर सरकारी संगठन सेवा संकल्प एवं विकास समिति के पंजीकरण को रद्द कर दिया है जो निराश्रित लड़कियों के लिए आश्रय गृह चलाता था. बता दें कि 34 लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ बिहार के समाज कल्याण विभाग ने एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद से आरोपी ब्रजेश जेल में है. बिहार में अपनी तरह के अनोखे सनसनीखेज मामले पर देशभर में हुई तीखी प्रतिक्रिया के बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है.