गोरखपुर, । सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़ा पूर्वी उत्तर प्रदेश का गोरखपुर-बस्ती क्षेत्र अब कोरोना संक्रमण का हब बनता जा रहा है। यहां शिक्षा का स्तर नीचे तो है ही, गरीबी और सामाजिक जागरूकता में कमी के साथ व्यक्तिगत कर्तव्य बोध के भाव में कमी है। यही वजह है कि इस क्षेत्र में आये प्रवासियों ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलाने में एक चेन की तरह काम कर रहे हैं।
आंकड़े बताते हैं कि गोरखपुर-बस्ती मंडलों में पिछले 20 दिनों में 208 मरीजों को कोरोना संक्रमित पाया गया है। इनमें 203 प्रवासी हैं। ये या तो मजदूर हैं या फिर बाहर से ऐसे लोग जो वर्षों से गांव-गिरांव नहीं आये थे। कोरोना वायरस के कहर से जब देश मे पूर्णबन्दी हुई तब इन्हें अपने गांव का पुराना घर याद आया और इन सभी ने ग्रामीण इलाकों का रुख किया। आकंडों के मुताबिक पिछले 20 दिनों में जिन 208 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनमें शामिल 203 प्रवासियों की संख्या इनके 98 प्रतिशत है।
आंकड़े बोलते हैं
पहली मई से अब तक बस्ती में 84 मरीज मिले हैं। ये सभी 84 मरीज प्रवासी हैं। इनमें अधिकतर कामगार हैं। ऐसे ही इस अवधि में बस्ती मंडल के संतकबीर नगर में पाए गए कोरोना संक्रमित 15 मरीजों में से 11 प्रवासी हैं। सिद्धार्थनगर में मिले सभी 47 मरीज, महराजगंज में मिले 16 और कुशीनगर में सामने आए सभी 07 मरीजों का इतिहास भी ऐसा ही है। बता दें कि पहली मई से अब तक गोरखपुर में पाए गए 18 संक्रमितों में से 17 मरीज प्रवासी ही हैं।
बस्ती मंडल का यह है आंकड़ा
पहली मई से अब तक बस्ती जिले में 84 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इनमें से 80 प्रवासी कामगार हैं। इसी तरह से सिद्धार्थनगर में कोरोना संक्रमण के 49 केस सामने आए हैं, जिनमें 47 प्रवासी हैं। संतकबीर नगर में पहली मई से अब तक 15 प्रवासी कामगार कोरोना संक्रमित निकले हैं।
गोरखपुर मंडल में भी प्रवासियों ने बढ़ाई मुसीबत
मंडल के कुशीनगर, गोरखपुर, महराजगंज और देवरिया में प्रवासियों ने कोरोना के ग्राफ को बढ़ाने का काम किया है। गोरखपुर में पहली मई से अब तक 18 नए मामले सामने आए। देवरिया में इस महीने 21 और महराजगंज में 16 नए मामले सामने आ चुके हैं। कुशीनगर जिले में मिले सभी 07 संक्रमित भी प्रवासी ही हैं।
प्राचार्य का कहना
इस सम्बंध में बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार का कहना है कि इस समय आइसोलेशन वार्ड में 50 मरीज भर्ती हैं। इनमें 46 मरीज कामगार हैं। वे संक्रमण के शिकार हो गए हैं। सभी का इलाज चल रहा है।