गर्मी का मौसम जब आया तब देशभर को उम्मीद थी कि जब तेज गर्मी पड़ेगी और तापमान 45 डिग्री के आसपास होने लगेगा, तो सभी जगह कोरोना का संक्रमण खत्म या कम हो जाएगा। लेकिन भीषण गर्मी में कोरोना विस्फोट ने इस थ्योरी को फेल कर दिया। मानसून के देश में आने के बाद अब हर जगह चर्चा है कि बारिश में सर्दी-खांसी-बुखार आम है, इसलिए कहीं कोरोना बेतहाशा न बढ़ने लगे।
इस बारे में उन डॉक्टरों और माइक्रोबायोलाॅजिस्ट से बात की गई, जो कोरोना की जांच या इलाज में लगे हैं। उनका कहना है कि कोरोना यानी कोविड-19 सार्स जैसी बीमारी है और यह प्रमाण हैं कि सार्स दिसंबर से शुरू होकर जुलाई आते-आते खत्म हो गया था, क्योंकि इस दौरान हवा में नमी ज्यादा थी। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि अब तक पानी से कोरोना वायरस फैलने के कोई प्रमाण किसी स्टडी या रिसर्च में नहीं आए। इसलिए यह एक अनुुमान ही है, हकीकत तो तब पता चलेगी जब हफ्ते-दस दिन बारिश हो जाएगी।
वायरस जनित सार्स बरसात में ज्यादा नमी से खत्म हुआ था
रायपुर के एम्स में कोरोना मरीजों के इलाज का नेतृत्व कर रहे डायरेक्टर डाॅ. नितिन एम नागरकर, पं. नेहरू मेडिकल काॅलेज में माइक्रोबायोलाॅजी के एचओडी तथा कोरोना टेस्ट लैब में जांच का नेतृत्व कर रहे डाॅ. अरविंद नेरल और इसी कालेज में चेस्ट विभाग के एचओडी डाॅ. आरके पंडा के सामने मीडिया ने चंद ऐसे सवाल रखे, जो लोगों में आम हैं और वे उनका जवाब चाहते हैं।
प्रस्तुत हैं विशेषज्ञों के जवाब-
सवाल – बरसात में कोरोना संक्रमण को लेकर क्या आसार हैं?
जवाब- दुनिया के कई देशों में कई तरह के मौसम हैं। कोरोना पर किसी मौसम के असर के प्रमाण नहीं दिखे।
सवाल- बारिश में सर्दी-जुकाम आम रहता है। क्या यह कोरोना में बदल सकता है?
जवाब- कोरोना कफ, थूक और सांस से फैलता है। सर्दी-जुकाम और बुखार कोरोना के लक्षण हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि ये कोरोना में कन्वर्ट हों।
सवाल- संक्रमित व्यक्ति बारिश के पानी में भीगता रहा तो क्या वायरस उसके शरीर से झड़कर पानी में घुलेगा?
जवाब- दुनिया में पानी या खून से कोरोना फैलने का प्रमाण नहीं मिला। फिर भी हमें इंतजार करना होगा।
सवाल– क्या ऐसा तुलनात्मक अध्ययन है, जिससे आम लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है?
जवाब- बरसात में हवा में ज्यादा नमी (हाई ह्यूमिडिटी) के कारण सार्स के खत्म होने की बातें हैं। संभव है कि इस वायरस की प्रकृति भी ऐसी हो।
सवाल – बारिश में खाने-पीने की चीजें दूषित होती हैं। मच्छर वगैरह बढ़ते हैं। क्या इनसे कोई डर?
जवाब- पीने का पानी, खाद्य सामग्री, खून और मच्छर से कोरोना नहीं फैलता। इसलिए दावा नहीं कर सकते कि बारिश में कोरोना बढ़ेगा।