-खड़ेसरी गांव में रास्ते की जमीन के विवाद में फायरिंग मामला
-दोनों पक्षों ने दी तहरीर, नहीं दर्ज हुआ मुकदमा
गोरखपुर।
बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के खड़ेसरी गांव में सोमवार को रास्ते की जमीन को लेकर हुए विवाद, मारपीट व फायरिंग की घटना के 24 घंटे बाद पुलिस ने दोनों पक्षों का शांति भंग में चालान कर दिया। ताज्जुब की बात यह है कि दोनों पक्षों द्वारा दी गई तहरीर के बाद भी पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। घटना के बाद से मंगलवार को दोपहर तक मामले को मैनेज करने का खेल चलता रहा।
बता दें कि खड़ेसरी निवासी कमला प्रसाद तिवारी और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता अरुण कुमार तिवारी के मध्य जमीनी विवाद चल रहा है। अरुण कुमार तिवारी जमीन पर दीवार चलवाना चाहते थे जब कि कमला तिवारी उसे जोड़ने नहीं दे रहे थे। दो दिन पहले हुई पंचायत में तय हुआ कि अरूण तिवारी दस कड़ी जमीन छोड़कर दीवार चला सकते हैं। सोमवार को उसी जमीन पर अरुण दीवार चलवा रहे थे। बताते चलें कि वर्तमान समय में खड़ेसरी में चकबन्दी कार्य चल रहा है। सोमवार को सुबह ही सीओ चकबन्दी रविप्रकाश श्रीवास्तव व एसीओ कमलेश मिश्र की पैमाइश के दौरान एक पक्ष द्वारा रास्ते के जमीन में दीवार चला रहा था। इसी बीच दोनों पक्षों में कहासुनी होने लगी। जो देखते देखते मारपीट में बदल गई। इस बीच एक पक्ष ने हवाई फायरिंग कर दी। सूचना पर पुलिस पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले आयी। अरुण तिवारी की रायफल भी पुलिस उठा लायी। कमला तिवारी ने अरुण तिवारी, उनके दोनों पुत्रों के विरुद्ध मारपीट व फायरिंग करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी जबकि अरूण तिवारी ने कमला तिवारी के खिलाफ अवैध असलहे से फायरिंग व मारपीट करने की तहरीर दी। इधर थाने पहुंचे सीओ व एसीओ चकबन्दी ने बयान दिया कि तेज आवाज तो हमने सुनी पर वह गोली की आवाज थी या पटाखे की ,हम नहीं बता सकते। दोनों पक्षों की तहरीर के बावजूद पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। मंगलवार को दोनों पक्षों से तीन-तीन लोगों का शान्ति भंग में चालान कर दिया गया। बताया जाता है कि थाने में रात को दोनों पक्षों के बीच विवादित जमीन की बावत समझौता भी हो गया।