लखनऊ, । प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने का सिलसिला जारी है। राज्य की विभिन्न प्रयोगशालाओं में हर रोज लिये गये नमूनों में से कई में संक्रमण की पुष्टि हो रही है। वहीं बुधवार को केजीएमयू में भर्ती एक बुजुर्ग संक्रमित मरीज की मौत हो गई। राजधानी की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मंगलवार को जांच किये गए 2,709 नमूनों में 126 की रिपोर्ट बुधवार को पॉजिटिव आई। इनमें लखनऊ के 66, मुरादाबाद के 17, संभल के 10, हरदोई, कन्नौज व बाराबंकी के 08-08, अयोध्या के 06, शाहजहांपुर, बलिया व बहराइच का 01-01 रोगी शामिल है।
वहीं केजीएमयू में भर्ती राजधानी के सआदतगंज निवासी कोरोना संक्रमित 60 वर्षीय बुजुर्ग की बुधवार सुबह मौत हो गई। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक बुजुर्ग को 15 जून को यहां भर्ती किया गया था। वह डायबिटीज से पीड़ित थे। रोगी के फेफड़ों की झिल्ली में पानी भरा था। इसे प्लूरल इफ्यूजन कहते हैं।
सम्भावना है कि फेफड़ों की झिल्ली में पानी कैंसर के कारण जमा हुआ होगा। बुजुर्ग मरीज रेस्पिरेटरी फेलियर में चले गए एवं काफी प्रयासों के बावजूद उनको बचाया नहीं जा सका। प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि बेवजह बाहर नहीं निकलें। साबुन, पानी से हाथ धोते रहें, मुंह और नाक को मास्क, रूमाल, दुपट्टे या गमछे आदि से ढक कर रखें, साथ ही दो गज की दूरी का पालन करें, इस समय यह बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही 10 वर्ष से कम बच्चे, डायबिटीज, हृदय रोगी, किडनी रोगी, कैंसर रोगी, बुजुर्गों को लेकर विशेष सावधानी बरतें।
इनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए ध्यान देना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से जो मौतें हुई हैं, उनमें मरीज या तो पहले से किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित थे, बुजुर्ग थे या फिर वह काफी देरी से अपना इलाज कराने पहुंचे। इसलिए कोरोना को लेकर किसी भी तरह का लक्षण दिखायी देने पर तुरन्त सम्पर्क करें। जो मरीज समय पर आ रहे हैं, वह इलाज के बाद ठीक हो रहे हैं। राज्य में इस समय कोरोना से ठीक होने की दर 61 प्रतिशत है।