
राहु के बुरे प्रभाव से यदि आप ग्रसित हैं तो आपको गोमेद धारण करने की सलाह दी जाती है। गोमेद राहु के बुरे प्रभाव को खत्म कर देता है, लेकिन एक बात हमेशा ध्यान देनी चाहिए कि यदि गोमेद सही न हो तो वह बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है। रंगहीन गोमेद या चमकहीन गोमेद पहनना आपके जीवन पर भी संकट भी डाल सकता है।
राहु एक छाया ग्रह माना गया है, लेकिन इसका अपना कोई अस्तित्व नहीं होता है। ये ग्रह जिस भी राशि, नशत्र या घर में होता है उसी अनुसार अपने प्रभाव देने पड़ता है। यदि ये नीच स्थिति में हो तो जातक का जीवन मृत्यु समान बन जाता है। गोमेद पहन कर इसके प्रभाव को कम किया जाता है, लेकिन गोमेद पहनते समय जरूर कुछ चीजों का ध्यान देना चाहिए।
गोमेद की पहचान कैसे करें
गोमेद का रंग असली रंग पीला या गौमुत्र के समान होता है। शुद्ध गोमेद चमकदार, सुंदर, चिकना और उज्जवलता लिए होता है। इसे उल्लू की आंख के समान माना गया है। गोमेद की एक खासियत ये है कि यदि इसे लकड़ी के बुरादे से साफ किया जाए तो वह बेहद चमकदार हो जाता है, लेकिन यदि ये नकली हो तो बुरादे से साफ करने पर ये चमकहीन हो जाता है।
गोमेद पहनने के और भी हैं फायदे
राहु के बुरे प्रभाव को खत्म करने के लिए गोमेद पहनना बेहद जरूरी होता है। गोमेद पहनने से गर्मी, ज्वर, प्लीहा, तिल्ली जैसे रोग भी दूर हो जाते हैं। मिर्गी, वायु दोष एवं बवासीर जैसी बीमारी में गोमेद भस्म को दूध के साथ लेना फायदेमंद होता है।
गोमेद पहनने से पहले जरूर देख लें खास चीजें
गोमेद का रंग यदि पीला न हो या कुछ रंग का हो तो वो धन नाशक होता है।
गोमेद यदि चमकदार न हो तो वो औरतों के लिए भारी पड़ता है। इससे रोग की संभावना बढ़ जाती है।
यदि गोमेद लाल रंग का हो तो उसे कभी न पहनें,क्योंकि ऐसा गोमेद गंभीर रोग जन्म देता है।
गोमेद अगर धब्बेदार हो तो वह जीवन पर संकट पैदा करता है। ये आकस्मिक मृत्यु का कारण भी बन जाता है।
गोमेद यदि समतल न हो या उसमें गड्ढा हो तो वह धन और मान-सम्मान को खत्म करने वाला होता है।
गोमेद पर यदि लाल रंग के छींटे नजर आएं तो उसे बिलकुल न पहने। ये आर्थिक हानि और पेट की समस्या का कारण बनता है।
चमकहीन गोमेद लकवे का कारण बन सकता है।
गोमेद पर कई रंग का धब्बा होना सुख का नाश करता है।















