क्या चीन अभी भी पूर्वी लद्दाख के निकट एलएसी पर कर रहा है सैन्य निर्माण ?

15 जून को भारत व चीन के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में सैन्य टकराव होने के बाद दोनों देशों के बीच स्थिति को सामान्य बनाने को लेकर दो दौर की वार्ता हो चुकी है। बावजूद इसके चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन अभी भी पूर्वी लद्दाख के निकट एलएसी पर अपना सैन्य कार्य जारी रखे हुए है। चीन और अधिक सक्रियता से एलएसी के निकट निर्माण कार्य कर रहा है।

चीन ने इस साल चार मई से एलएसी के आसपास निर्माण कार्य आरंभ किया और इसके लिए उसने 10 हजार सैनिकों को तैनात कर दिया है। चीन ने वहां तोप व बख्तरबंद गाड़ियां तैनात कर दी है।

न्यूज़ एजेंसी ने खबर दी है कि पैंगोंग सो लेक (Pangong Tso lake) के आसपास व फिंगर इलाके में सैन्य सक्रियता व निर्माण कार्य चीन ने बढा दिया है। 

भारतीय सेना फिंगर 8 पर अपना दाव करती है, जबकि हालिया टकराव के बाद चीन ने आर्मी पेट्रोलिंग को फिंगर 4 के पीछे तक रोक दिया है। एएनआइ ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि चीन का इरादा है कि और नए एरिया को अपने कब्जे में लिया जाए।

सूत्रों ने यह भी कहा है कि गलवान नदी के पास 15 जून को जब दोनों पक्षों की सेना के बीच बड़ी झड़प हुई और दोनों ओर के कई सैनिक हताहात हुए उसके बाद भी चीन निर्माण कार्य कर रहा है।

15-16 जून की रात्रि भारतीय सेना के जवानों ने चीन की निगरानी पोस्ट जैसी संरचना को नष्ट कर दिया और फिर पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के करीब पहुंच गई।

चीन ने एक ऐसे रोड का भी उपयोग कर रहा है जो भारतीय क्षेत्रों में अपने सैनिकों व हथियारों व उपकरणों को आसानी से भेज सकता है। चीन पेट्रोलिंग प्वाइंट 10 व 13 के पास भी भारत के लिए समस्याएं खड़ी करना चाह रहा है।

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