
अपनी मखमली आवाज से लोगों के दिलों में बहुत गहरे तक अपनी जगह बनाने वाले जगजीत सिंह आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज उनके द्वारा गयी गयी गजलें हमें आज भी सुकूं देती हैं और उनकी याद हमारे दिल में ताजा करती हैं. आज हम आपको जगजीत और उनकी पत्नी चित्रा सिंह की शादी से पहले का एक किस्सा सुनाते हैं, जब चित्रा किसी और की पत्नी थीं. दरअसल जगजीत सिंह जिस गुरु के पास सीखने जाते थे चित्रा उनकी ही पत्नी थी. संगीत सीखने के दौरान ही दोनों में प्यार हो गया और एक दिन जगजीत सिंह ने उनके पति से ही चित्रा का हाथ मांग लिया.
चित्रा सिंह अपने पति देबू प्रसाद दत्ता के साथ मुंबई में रहती थीं और उनकी एक लड़की भी थी जिसका नाम मोना था.देबू साहब भी संगीत के क्षेत्र से ही थे और अपने घर पर ही गाने की रिकॉर्डिंग किया करते थे. जगजीत सिंह देबू साहब के घर जाया करते थे और यहीं उनकी मुलाकात चित्रा सिंह से हुई थी जो उस समय देबू साहब की पत्नी थीं.
यहीं उन्होंने जगजीत के साथ गाना शुरू किया और दोनों की बातें भी शुरू हुई फिर वह अच्छे दोस्त भी बन गए. इधर देबू साहब को भी किसी लड़की से प्यार हो गया था और वह उसके साथ अब अपनी जिंदगी बिताना चाहते थे. एक दिन देबू साहब ने चित्रा से कह दिया कि तुम अपना कॅरियर गायन में ही बना लो मैं अब कहीं और जाना चाहता हूँ.
इसके बाद चित्रा के प्यार में डूबे जगजीत सिंह ने जब शादी के लिए प्रपोज किया तो चित्रा ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह आज भी शादी-शुदा हैं, भले ही उसका पति उसे धोखा दे रहा है. तब जगजीत सिंह देबू साहब के पास पहुँच गए और बड़ी शालीनता से उनसे कहा कि में आपकी पत्नी चित्रा सिंह से शादी करना चाहता हूँ.
इस पर देबू साहब ने कह दिया चित्रा जो चाहे करे वह स्वतंत्र है मैं तो अब अपनी ज़िन्दगी में बहुत आगे निकल चूका हूँ. देबू की हरी झंडी मिलते ही दोनों ने शादी कर ली.















