लखनऊ। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय शिक्षकों के लिये सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का एेलान किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में इस अाशय पर फैसला लिया गया। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें विवि के शिक्षकों और उनके सहायक कैडर के लिये लागू की गयी है। नया वेतनमान राज्य सरकार के अधीन कृषि,तकनीकी और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों के अध्यापकों के लिये भी जल्द ही लागू किया जायेगा।
राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि विवि के शिक्षकों एवं सहयोगी कैडर के लिये नया वेतनमान एक जनवरी 2016 से लागू किया गया है। नये वेतनमान का लाभ राज्य के 18 विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को मिलेगा जिनमें एक विधि विवि, एक डीम्ड यूनीवर्सिटी और एक मुक्त विवि शामिल है।
उन्होने कहा कि सरकार के इस फैसले से राजकीय खजाने में 921़ 54 करोड़ रूपये का वित्तीय भार पड़ेगा। पहले साल केन्द्र और राज्य इस भार को बराबर हिस्से में वहन करेंगे जबकि अगले साल से इस धनराशि को राज्य सरकार अकेले वहन करेगी।
श्री सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कृषि,तकनीकी एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के शिक्षकों के लिये नये वेतनमान के लागू करने का प्रस्ताव मंजूर किया है हालांकि इसे कुछ समय बाद लागू किया जायेगा।
श्री सिंह ने कहा कि लाभार्थियों की मदद के लिये अस्पतालों में आयुष्मान मित्र नियुक्त किये जायेंगे। इन आयुष्मान मित्रों को पांच हजार रूपये प्रति माह मानदेय दिया जायेगा। इसके अलावा प्रत्येक दावे पर उन्हे 50 रूपये दिये जायेंगे।
आयुष्मान भारत योजना के लिये करीब एक हजार अस्पताल पंजीकृत किये गये है। योजना के लिये सरकार पहले ही 440 करोड रूपये मंजूर कर चुकी है। राज्य में योजना के क्रियान्वयन के लिये निर्धारित एक हजार करोड रूपये में से राज्य सरकार की हिस्सेदारी 40 फीसदी है।
उन्होने बताया कि वाराणसी में गंगा तट से काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच की सडक को चौडा करने के लिये 24 सेवादारों को स्थानांतरित करने का फैसला लिया गया है। इसके लिये 14 करोड 55 लाख रूपये का प्रावधान रखा गया है। इस रकम से सेवादारों को अन्यंत्र स्थानों पर शिफट किया जायेगा।
श्री सिंह ने बताया कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर दो टोल प्लाजा, 15 रैम्प प्लाजा, पांच एंबुलेंस और 10 पुलिस पेट्रोलिंग वाहनो के संचालन के लिये एजेंसी का चयन किया जायेगा। इसमें सरकार का कोई पैसा खर्च नही होगा बल्कि राजस्व में 222 करोड रूपये जुटेंगे और इससे 1000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उन्होने बताया कि सरकार ने बुलंदशहर,रायबरेली,हरदोई और मेरठ स्थित चार मेगा उद्योगों के लिये 125 करोड रूपये के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इन इकाइयों में उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है।