जोक्स आप भी पढ़ते ही होंगे और खूब हँसते खिलखिलाते होंगे क्योंकि इनमे जो मजा है जो किक है वो और कहाँ? जहाँ इन्सान इन्सान को रूलाने के लिए दौड़ता है काटने के लिए दौड़ता है वही जोक्स ही ऐसे है जो निस्वार्थ भाव से जो भी उसके सामने आता है उसे हंसाने के लिए अपने आपको पेश कर देता है। अभी हम आपके सामने भी ऐसे ही कुछ एक चुटकुले रखने वाले है जिन्हें पढ़कर के आपको मजा ही आ जायेगा तो चलिये फिर शुरू करते है कुछ नये और मजेदार जोक्स के साथ।
15 अगस्त के दिन पति से पत्नी बोली.. “अजी सुनते हो, आजादी मुबारक हो आपको” पति (झपक से)- हे भगवान इतने दिन बाद, जल्दी बताओ कहां साइन करना है?
पप्पू एक दिन दर्जी के पास गया, पप्पू (दर्जी से)- पेंट की सिलाई कितनी है?दर्जी 200 रूपये मात्र,पप्पू और चड्ढी की?दर्जी 35 रूपये कुछ देर सोचने के बाद…पप्पू तो फिर चड्डी ही सिल दो, बस लंबाई पैरों तक रखना।
अदालत में दो वकीलों की आपस में बहस हो गयी, पहला वकील तुम से बड़ा गधा मैंने आज तक नहीं देखा, दूसरा वकील- मैंने भी आज तक तुमसे बड़ा गधा नहीं देखा, इस पर जज ने मेज पर हथौङा मारते हुए, कहा, “आप दोनों ये भूल रहे हैं कि मैं भी यहां पर बैठा हुआ हूं”।
एक शराबी अपना एक पैर फुटपाथ पर और एक सड़क पर रखकर टेढ़ा-मेढ़ा चल रहा था, एक पुलिसवाला यह देखकर बोला,“इतनी शराब क्यों पी जो ऐसे चल रहे हो?” शराबी जल्दी से सीधा होकर बोला, “धन्यवाद, जो आपने बता दिया कि मैंने पी रखी है…वरना मैं तो समझ रहा था कि मैं लंगड़ा हो गया हूं”
एक बच्चा सिर जमीन पर और पैर ऊपर करके सीधा खड़ा था, मां तू पैर ऊपर करके उल्टा क्यों हो गया है?बच्चा मां मैंने अभी-अभी सिरदर्द की गोली खायी है, कहीं पेट में ना चली जाए इसलिए।
पति (पत्नी से)- तुम मुझे जुआ खेलने से नहीं रोक सकती, आखिर युधिष्ठिर भी तो जुआ खेलता था, पत्नी- जी बिल्कुल नहीं रोकूंगी, लेकिन याद रखना, कि द्रौपदी के भी पांच पति थे,पति बेचारा उस दिन से जुआ खेलने नहीं गया।