
नागरिकों ने जनहित में आवागमन चालू करने की मांग की
कुतुब अंसारी
बहराइच l वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर भारत नेपाल दोनों देशो के प्रशासनिक अधिकारियों ने भारत नेपाल की सीमा सील कर दी बॉर्डर पर आवागमन रोक दिया। जबकि दोनो देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय व्यापार चल रहा है। भारत की ओर माल वाहक वाहन नेपाल जा रहे है। सीमा वर्ती भारतीय इलाका रूपईडीहा कस्बा क्षेत्र में सन्नाटा पसरा है। भारत नेपाल के बीच सवारियां ढोकर अपनी जीविका चलाने वाले नेपालगंज व रुपईडीहा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के युवक बीते 5 माह से आर्थिक तंगी के शिकार हो गए हैं।
दोनो देशो के सीमावर्ती थोक व्यापारियों ने आयात निर्यात का लाइसेंस प्राप्त कर ट्रकों से वैधानिक कारोबार शरू कर दिया है। नेपाल को बीते 05 माह मै पेट्रोलियम पदार्थों का निर्यात बढ़ गया है। भारतीय क्षेत्र से सभी प्रकार के खाद्यान्न बाइक मशीनरी पार्ट्स कृषि उपयोगी यंत्र व ट्रैक्टर आदि का निर्यात तेज़ी से बढ़ गया है।वह इसलिए कि भारत सरकार ने नेपाल निर्यात होने वाले सभी प्रकार के सामानों पर जीएसटी व कष्टम शुल्क माफ कर रखा है।
रुपईडीहा कस्बे में खुले तीन माल की प्रतिस्पर्धा में नेपालगंज में भाट भटेनी नामक माल खुल गया है।यही नही सीमावर्ती भारतीय ग्रामीण इलाको से दैनिक लगभग एक हज़ार मज़दूर नेपालगंज के औद्योगिक क्षेत्र,निजी कलकारखानों व खाद्यान्न मिलों सहित विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में मासिक नौकरी करने व दिहाड़ी करने जाया करते थे। उन लोगों के सामने रोज़ी रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है।
केंद्र व प्रदेश की सरकारें गावँ में रोजगार उपलब्ध कराने के दावे तो कर रही हैं परंतु जमीनी हकीकत कुछ और है। पंचायतों में चल रहे विकास कार्य ठेकों पर कराए जा रहे है।बाहर से मज़दूर लाकर ठेकेदार गांव सभाओं में काम कराया रहे हैं।उन गांव का मूल निवासी इस विचित्र सरकारी व्यवस्था पर निराश है।
नेपालगंज व रुपईडीहा के बीच रिक्शा चालक दिनभर कड़ी मशक्कत कर रोज़ी रोटी कमाने वाले रूपईडीहा कस्बे के घसियारन टोला निवासी भूमिहीन रिक्शावान पप्पू, विजय, बेचन, हनुमान, घनश्याम, कुंवारे, ढोडे, पहुना, शब्बीर आदि रिक्शा चालकों ने बताया कि “भैय्या राशनवा तौ मिलजात है मुला, लोन, तेल, लकड़ी, दाल व साग सब्ज़ी खत्तिर तौ पइसवा चाही”। इस प्रकार नेपाल सरकार ने सब्ज़ी व फल के नेपाल प्रवेश पर रोक लगा दी है।जबकि एसएसबी की रुपईडीहा बीओपी ने बहनों को राखी बांधने नेपाल जाने से रोक दिया था।रोटी बेटी के सम्बंध होने के बावजूद नेपाल से भारत व भारत से नेपाल लोगों को अंतिम संस्कार में जाने की छूट नहीं है। यही नही नेपालगंज के प्रसिद्ध आंख अस्पताल तक जाने के लिए भी मरीज़ो को रोका जा रहा है।मरीज़ जब अपनी आंखों की खराब हालत बताता है
तब कहीं जा पाता है।सीमावर्ती जन जीवन पटरी से उतार चुका है। बड़े शहरों में तो छुट पुट व्यापार तो चल रहा है।परंतु सीमावर्ती दोनो देशों के छोटे व्यापारियों की हालत दयनीय है। कस्बा निवासी प्रतिष्ठित व्यापारी नेता सुशील बन्सल, उमाशंकर वैश्य,विपिन अग्रवाल,रज़ा इमाम रिज़वी, निरज बरनवाल, आदि ने दोंनो देशों की सरकरों व प्रशासनिक अधिकारियों से माग की है कि रोटी बेटी के सम्बन्धों के नाते प्रतिबंधित भारत नेपाल के बीच अवरुद्ध आवागमन को बहाल किया जाए। नहीं तो इस सीमावर्ती क्षेत्र के नागरिक आर्थिक समस्याओं से घिर जाएंगे और भुखमरी की कगार पर पहुंच जायेंगे।










