आम के हरे पेड़ों पर गिरी गाज

◆ आम के हरे पेड़ हो रहे हैं दिनदहाड़े धराशाई

◆ प्रशासन आंखें बंद करके सो रहा है कुंभकरण की नींद

◆ आने वाले दिनों में जनपद बहराइच बन जाएगा रेगिस्तान


कैसरगंज/बहराइच। कैसरगंज तहसील मुख्यालय से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत नौगइयां के मजरा कुर्मिन पुरवा व लोखड़ियन पुरवा को जोड़ने वाले पुल के पास लगे आम के बाग में हरे पेड़ों की कटान लगी हुई है इस कटान को पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत कहें या फिर लकड़ कट्टों की दबंगई।

यह वह लकड़ कट्टे ठेकेदार हैं जो एक पेड़ लगा नहीं सकते हैं लेकिन आम के हरे पेड़ों की बाग पर आरा और कुल्हाड़ी चलवाना ही इनका पेशा है हल्का दरोगा व हल्का सिपाहियों की नजर ऐसे अनर्गल कामों में लिप्त लकड़ कट्टों पर क्यों नहीं जाती है जबकि संवाददाता का कैमरा ऐसे अवैध एवं अनर्गल कामों को अक्सर खोज लेता है।

यदि प्रशासन इसी तरह कुंभकरण की नींद सोता रहा तो वह दिन दूर नहीं है जब जनपद बहराइच की हरियाली समाप्त होकर रेगिस्तान में तब्दील हो जायेगी। पर्यावरण को बचाने के लिए शासन द्वारा अनेक तरह के कठोर कदम उठाए जा रहे हैं फिर भी प्रशासन द्वारा ऐसे पेशेवर लकड़ कट ठेकेदारों को चिन्हित करके अभिलंब आवश्यक कार्रवाई की आवश्यकता है। आखिर इन लकड़ कट्टों को किसका सह प्राप्त है जिससे यह दिनदहाड़े ही आम के हरे पेड़ों को काटने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह लकड़ कट आये दिन अपने काम को बेखौफ होकर अंजाम देते हुए अक्सर देखे जा सकते हैं ऐसा प्रतीत होता है कि लकड़ कट्टो का यह समूह अधिकारियों के बहुत ही करीब है इसीलिए बेखौफ बेपरवाह एवं निडर होकर दिनदहाड़े आम के हरे पेड़ों को धराशाई करना इसका पेशा बन चुका है।

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