
पहले वर्ल्ड सोलर टेक्नोलॉजी समिट की पूरी तैयारियां हो चुकी है. मोदी सरकार के तीन दिग्गज केंद्रीय मंत्री इस अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. भारत में सोलर एनर्जी सेक्टर का अबतक का सफर और आगे की रोडमैप की जानकारी एनर्जी एंड न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी के यूनियन मिनिस्टर आर के सिंह, कॉमर्स व इंडस्ट्री एंड रेलवे के मिनिस्टर पियूष गोयल और पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस के मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान देंगे. आत्मनिर्भरता को लेकर उठाये जा रहे क़दमों के बारे में केंद्रीय मंत्री जानकारी दे सकते हैं. इस कार्यक्रम को प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजरी के प्रोफेसर के विजय राघवन भी सम्बोधित करेंगे.
इस कार्यक्रम की शान का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की इस वर्चुअल समिट से 149 देशों के 26 हज़ार से अधिक लोग जुड़ेंगे. स्टेकहोल्डर्स सोलर एनर्जी टेक्नोलोग्य पर कई नए विचारों को पेश करेंगे. इस कार्यक्रम से सारे पार्टिसिपेंट्स के लिए यह एक बहुत अच्छा मौका होगा क्योंकि वह अगली पीढ़ी के बारे में सारी जानकारी ले सकेंगे. सोलर प्रोजेक्ट डेवलपर्स, इस सेक्टर से जुडे़ रिसर्च में लगे साइंटिस्ट, थिंक टैंक, सिविल सोसायटी और रिसर्च और ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे. इस कार्यक्रम में साल 2019 में लिथियम आयोन बैटरी के नोबल पुरूस्कार विजेता डॉ. एम स्टेनले विटिंघम भी अपने विचार पेश करेंगे.
करीब 51 हज़ार हेक्टेयर खाली ज़मीन पर रेलवे सोलर प्लांट लगाने के लिए डेवेलपर्स के साथ बैठक हुई थी. 2030 तक कुल एनर्जी के उपयोग के लिए 33 बिलियन यूनिट्स की ज़रुरत को पूरा करने के लिए रेलवे सोलर एनर्जी का सहारा लेगी. अभी रेलवे को 21 बिलियन यूनिट्स की आव्यशकता पड़ती है. रेल मंत्री पियूष गोयल ने कई सोलर डेवेलपर्स को हर संभव मदद देने का विशवास दिलाया. करीब 960 से ज़्यादा स्टेशनों को सोलर एनर्जी दी जा रही है. मध्य प्रदेश के रीवा में लगे 750 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किए थे.
पूरे साल में भारत में करीबन 3000 घंटे सूर्य की रौशनी और 5 हज़ार लाख किलोवाट घंटा प्रति स्क्वायर मीटर के बराबर सोलर एनर्जी पहुंचती है. मोदी सरकार ने इन सुविधाओं को देखते हुए 2022 के अंत तक 175 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य तय किया है. इसमें विंड पावर 60 गीगावाट, सोलर पावर 100 गीगावाट आदि शामिल है. 2035 तक भारत में सोलर एनर्जी की मांग 7 गुना बढ़ जाएगी.















