हम सभी के पास कभी ना कभी रॉंग नंबर आया हैं. अक्सर हम लोग रॉंग नंबर पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और जल्दी से फ़ोन काट देते हैं. लेकिन क्या आप ने कभी सोचा हैं कि एक रॉंग नंबर किसी की जान भी बचा सकता हैं? दिल्ली के देह व्यापर में फंसी एक लड़की के साथ कुछ ऐसा ही हुआ.
अमर कुछ महीनो पहले एक नाबालिग लड़की को प्यार के जाल में फंसाकर दिल्ली ले आया था. अमर ने लड़की से फिजिकल रिलेशन बना लिए थे. लड़की से बोर हो जाने पर अमर ने अपने एक दोस्त रजनीत शाह के साथ मिलकर लड़की को बेचने की योजना बनाई. इसके लिए उन्होंने इन्टरनेट पर वैश्यालय सर्च करना शुरू किया. यहाँ पर उन्हें एक नंबर मिला जिसे वो लोग वैश्यालय के मलिक का नंबर समझ रहे थे.
दलाल की बजाए पुलिस को लग गया रॉंग नंबर
जब अमर और रजनीत ने इन्टरनेट से मिले नंबर को डायल किया तो वो गलती से स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) सुनील कुमार को लग गया. सुनील सेन्ट्रल दिल्ली के GB रोड इलाके के कमला मार्केट पुलिस स्टेशन के SHO हैं. सुनील ने जैसे ही आरोपी अमर का फोन उठाया तो वो लोग नाबालिग लड़की का सौदा करने की बात करने लगे. शुरू में तो सुनील को कुछ समझ नहीं आया लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि ये लोग किसी वैश्यालय के दलाल का नंबर समझ मुझ से बात कर रहे हैं. SHO सुनील ने भी दलाल होने का नाटक किया और लड़की का सौदा फाइनल कर दिया.
DCP एमएस रंधवा बताते हैं कि SHO सुनील ने कॉल करने वाले आरोपियों से कहा कि वो लड़की को लेने के लिए पैसो के साथ दो आदमियों को भेजेगा. इसके बाद सुनील ने अपने दो हवालदार गुलाब और सुन्दर को रेलवे स्टेशन पर तय ठिकाने पर भेजा. यहाँ पुलिस के आदमी सादी वर्दी में आरोपी अमर से मिले. पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए पूरा जाल बिछा रखा था लेकिन अमर लड़की के बिना स्टेशन पर आया. उसने लड़की की कीमत 3.5 लाख रखी लेकिन पुलिस टीम ने 2.30 लाख में बात फिक्स की. 20 हजार रूपए एडवांस में लेने के बाद अमर ने वादा किया कि वो लड़की को बुधवार को गुडगाँव के IFFCO चौक में लेकर आएगा, तभी बाकी के पैसे भी लेगा.
इसके बाद पुलिस ने फिर से अमर को पकड़ने का जाल बिछाया. इस बार अमर जैसे ही लड़की को लेकर आया तो पुलिस टीम ने अमर को वहीँ दबोच लिया. इस तरह एक रॉंग नंबर और पुलिस ऑफिसर की सतकर्ता ने एक नाबालिग लड़की को देह व्यापार के दलदल से बाहर निकाल लिया.