गोविंदा को जब आया दुबई से डॉन का फोन कॉल, तो दौड़े-दौड़े पहुंचे थे बाबा के पास

कामयाबी के दिनों में गोविंदा अपने निर्माताओं के लिए एक बड़े सरदर्द की तरह होते थे. उनसे काम करवाना अच्छे-अच्छों के वश से बाहर की बात होती थी. एक तो गोविंदा अक्सर सेट पर लेट से आते और जब जी करे शूटिंग कैंसिल कर निकल लेते थे जिसकी वजह से निर्माताओं को काफी नुकसान  उठाना पड़ता था. एक निर्माता गोविंदा की इन आदतों से इतना परेशान हुआ कि उसने गोविंदा की शिकायत अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कर दी जिसकी वजह से गोविंदा अंडरवर्ल्ड के निशाने पर आ गए.

1990 में निर्माता सुधाकर बोकाडे ने अपनी फिल्म ‘इज़्ज़तदार’ में माधुरी दीक्षित के साथ गोविंदा को कास्ट किया. फिल्म में दिलीप कुमार भी अहम् रोल निभा रहे थे. फिल्म की शूटिंग जैसे-जैसे आगे बढ़ने लगी बोकाडे गोविंदा की हरकतों से परेशान होने लगे और एक दिन उन्होंने सेट पर देर से आने के कारण गोविंदा को काफी खरी-खोटी सुनाई. दरअसल गोविंदा की इस लेटलतीफी के कारण दिलीप कुमार जैसे सीनियर एक्टर को घंटों इंतज़ार करना पड़ता था और दूसरा माधुरी दीक्षित के व्यस्त शेड्यूल के कारण निर्माता को डेट्स ही नहीं मिल पाते थे और हमेशा फिल्म का शेड्यूल आगे बढ़ाना पड़ता था. निर्माता से डांट मिलने के बाद गोविंदा काफी नाराज हो गए और उन्हें फिल्म के लिए डेट्स देने से साफ़ इंकार कर दिया जिसकी वजह से फिल्म लटकती नजर आने लगी.

गोविंदा के इस रवैये से नाराज सुधाकर बोकाडे ने अपने अंडरवर्ल्ड कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए दाऊद इब्राहिम तक शिकायत पहुंचा दी. दाऊद ने खुद गोविंदा को फोन कर उन्हें धमकी दी और एक मोटी रकम बोकाडे को देने या अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा. दाऊद की धमकी से परेशान गोविंदा अपने दोस्त संजय दत्त की शरण में पहुंचे. अंडरवर्ल्ड से अच्छी जान पहचान के कारण संजय दत्त उन दिनों झगडे निपटाने का काम किया करते थे.

गोविंदा से संजय की अच्छी दोस्ती थी. इसलिए उन्होंने इस मामले में रूचि लेते हुए बोकाडे और गोविंदा के बीच सुलह करवा दी. गोविंदा ने एकमुश्त डेट्स बोकाडे को दे दी और फिल्म पूरी हो गयी. आगे चलकर ये एक तरह से ट्रेंड ही बन गया और फिल्मेकर्स हीरो की मनमानियों से परेशान होकर अंडरवर्ल्ड की शरण में जाने लगे जिसकी वजह से दाऊद गिरोह अभिनेताओं की डेट्स दिलवाने के एवज में निर्माताओं से मोटी रकम वसूल करता था.

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