भास्कर समाचार सेवा
आगरा में लव जेहाद का आरोप लगाकर महिला ने युवक और उसके परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़िता का आरोप है कि पहले मिस कॉल और फिर खुद को हिंदू बताकर दोस्ती करने के बाद युवक और उसके परिजनों ने धर्म परिवर्तन करवाया और फिर जबरन निकाह पढ़वा दिया। बंधक बनाकर बच्चे पैदा किए गए और फिर मारपीट के बाद तीन बार तलाक बोलकर घर से निकाल दिया। पीड़िता को बाद में पता चला की आरोपी पति कई अन्य लड़कियों का जीवन इसी तरह बर्बाद कर चुका है। पीड़िता की शिकायत पर सुनवाई न होने पर युवती ने न्यायालय में साक्ष्यों के साथ वाद दाखिल किया। सुनवाई के बाद न्यायालय के निर्देश पर थाना रकाबगंज में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह है पूरा मामला
थाना रकाबगंज क्षेत्र की युवती का आरोप है की उसके पास समय पहले साल 2017 में उसके पास एक नंबर से मिस काल आई। बात करने पर फोन करने वाले ने खुद का नाम राजा बताया और हिंदू होने की जानकारी देते हुए दोस्ती करने को कहा। उसके द्वारा मना करने के बाद भी लगातार फोन आते रहे और धीरे – धीरे दोस्ती हो गई। राजा ने शादी के लिए प्रपोज किया और परिजनों ने मिलाने बालूगंज स्थित अपने आवास ले गया। परिवार से मिलने पर पता चला की राजा हिंदू नहीं है, उसने विरोध करते हुए संबंध खत्म करने की बात कही तो आरोपी राजा खान उर्फ मोइन खान, उसका पिता रियाज, मां जरीना, बहन बुशरा,मुस्कान और तनु ने उसे पकड़ कर बंधक बना लिया और मौलवी को बुला कर बिना उसकी मर्जी के उसका धर्म परिवर्तन कर निशा खान बना दिया। आरोपी ने मौलवी से निकाह पढ़वा कर जबरन निकाहनामे पर दस्तखत करवा लिए और उसे घर में कैद रखकर उसका शारीरिक शोषण करना शुरू कर दिया।
बेटा पैदा होने के बाद हुई मिशन की जानकारी
पीड़िता ने पुलिस को बताया की राजा द्वारा शारीरिक शोषण के साथ पूरा परिवार उसे परेशान करवाता था। उससे पूरा दिन काम कराया जाता था और धर्म को लेकर अभद्र ताने दिए जाते थे। इसी बीच उसके एक बेटा पैदा हुआ। एक दिन घर में काम करते समय कुछ सबूत मिले, जिससे पता चला की राजा खान कई लड़कियों के साथ इसी तरह का काम कर उनकी जिंदगी खराब कर चुका है। पूरा परिवार राजा का लव जेहाद के काम में साथ देता है। पीड़िता ने जब राजा से इस बाबत बात की तो पूरे परिवार ने उसे बुरी तरह पीटा और तीन बार तलाक बोलकर बाल पकड़ कर घसीटते हुए बाहर लाया और घर से निकाल दिया।
जब पुलिस ने नहीं सुनी तो न्यायालय की शरण
पीड़िता ने बताया की कुछ समय तक वो डर के मारे किसी से कुछ बोल नहीं पाई और फिर उसने हिम्मत करके थाना रकाबगंज में प्रार्थना पत्र दिया, सुनवाई न होने पर पुलिस कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह के पास भी गुहार लगाई पर थाना पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसके बाद न्यायालय की शरण में गई। न्यायालय के आदेश पर थाना रकाबगंज पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।