अभी तक नहीं हो सकी है चिकित्सकों की तैनाती
अमित शुक्ला
बांगरमऊ, उन्नाव। तहसील क्षेत्र के ग्राम हसनपुर मजरा में करीब डेढ़ दशक पूर्व स्थापित स्वास्थ्य उपकेंद्र में अभी तक विभाग द्वारा मानक के अनुसार स्वास्थ्य कर्मीयो की तैनाती नहीं की जा सकी है। केंद्र पर तैनात एकमात्र एएनएम भी ज्यादातर नदारद रहती है। जिससे यह स्वास्थ्य उपकेंद्र ग्रामीणों के लिए शोपीस बनकर रह गया है। ग्रामीणों ने उपकेंद्र में चिकित्सा कर्मियों को तैनात किए जाने की मांग उठाई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्राम हसनपुर मजरा में करीब डेढ़ दशक पूर्व स्वास्थ्य उप केंद्र की स्थापना की गई थी और कई लाख रुपए कीमत से भारी भरकम भवन का भी निर्माण कराया गया था। तब ग्रामीणों को आशा जगी थी कि अब संक्रमण आदि से ग्रस्त मरीजों को गांव से करीब 10 किलोमीटर दूर बांगरमऊ स्थित सरकारी अस्पताल के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। ग्रामीणों की मांग के बाद विभाग द्वारा उपकेंद्र में बमुश्किल एक एएनएम की तैनाती की गई जबकि विभाग द्वारा एएनएम के साथ ही एक चिकित्सक की भी तैनाती की जानी चाहिए थी। लेकिन करीब डेढ़ दशक बीत जाने के बाद भी उप केंद्र में विभाग द्वारा ए एनएम के अलावा एक भी स्वास्थ्य कर्मी की तैनाती नहीं की जा सकी है। खास बात तो यह है कि केंद्र पर तैनात एएनएम भी अक्सर गायब रहती है।
रखरखाव के अभाव में भवन धीरे धीरे जर्जर होता जा रहा है। कुछ ग्रामीणों द्वारा स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन परिसर में लाही, गेहूं व बरसीम आदि बोई जा रही है। कुल मिलाकर यह उपकेंद्र जानवरों का चरागाह बनकर रह गया है। गांव के प्रधान राज कुमार सहित शाहिदा बानो, सतीश कुमार, सुमित कुमार, सरोज कुमार, रामविलास कुशवाहा व रंजीत कुशवाहा आदि ग्रामीणों के अनुसार उपकेंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती के लिए वे अब तक स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को दर्जनों अर्जियां दे चुके हैं।
लेकिन विभाग द्वारा सभी शिकायती पत्र कूड़ेदान में फेंके जाते रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रदेश शासन से स्वास्थ्य उपकेंद्र में चिकित्सक सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की मांग उठाई है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को नजदीक चिकित्सा सुविधा मिल सके। चिकित्सा अधीक्षक डॉ मुकेश कुमार ने बताया के मामला संज्ञान में आया है। वह एएनएम की कारगुज़ारी की जांच करेंगे।