डॉ. प्रवेश काँठेड़: एक प्रेरणादायक दर्द निवारक विशेषज्ञ
डॉ. प्रवेश काँठेड़ मध्य भारत के पहले पेन फिजिशियन हैं, जिन्होंने प्रदेश में इंटरवेंशनल पेन मेडिसिन पद्धति की शुरुआत की। उन्होंने अपने जीवन के पिछले 20 वर्षों को मरीजों को जागरूक करने में समर्पित किया है। उनका मानना है कि सर्जरी गर्दन और पीठ दर्द के इलाज का समाधान नहीं है, और 90% से ज़्यादा मरीजों को सर्जरी की ज़रूरत नहीं होती। डॉ. काँठेड़ का मुख्य उद्देश्य मरीजों को दर्द से मुक्ति दिलाना और उन्हें एक स्वतंत्र जीवन जीने में मदद करना है।
इंटरवेंशनल पेन मेडिसिन पेन फिजिशियन एवं सर्जन द्वारा ऑपरेशन थिएटर में बिना चिरफाड के करी जाने वाली एक नवीन चिकित्सा पद्धति है जिसके माध्यम से मरीज मात्र कुछ घंटो में ही कमर, गर्दन, नसों एवं जोड़ों के दर्द से मुक्ति पा सकता है I
10,000+ मरीजों का बिना ऑपरेशन सफल इलाज – इंटरवेंशनल पेन मेडिसिन: एक नई दिशा
पहले हमारे देश में रीड की हड्डी के मरीजों को सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जाता था। लेकिन डॉ. काँठेड़ की तकनीकों के साथ, अब मरीजों को दर्द से निजात दिलाने के लिए मात्र एक इंटरवेंशन (एक तरीक़े के इंजेक्शन पद्धति) की आवश्यकता होती है। उनकी यह तकनीक न केवल प्रभावी है, बल्कि यह दर्द के इलाज के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव भी है। उनके द्वारा इन पद्धतियों का इस्तेमाल करके क़रीब 10,000 मरीजों के ऑपरेशन बचाए गए हैं।
इण्डियन सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ पेन (ISSP) में योगदान
डॉ. काँठेड़ का इण्डियन सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ पेन में योगदान उल्लेखनीय है। सचिव के रूप में, उन्होंने संगठन को मजबूत किया और विभिन्न मेडिकल कॉन्फ्रेंस और कार्यशालाओं का आयोजन किया, जिससे डॉक्टरों और मरीजों के बीच दर्द प्रबंधन की नवीनतम विधियों का प्रसार हुआ। उनकी नेतृत्व क्षमताओं ने पेन सोसाइटी को एक नई दिशा दी और इससे समाज में दर्द प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ी।
डॉ. काँठेड़ की शैक्षणिक योग्यताएँ
डॉ. प्रवेश काँठेड़ ने अपनी शैक्षणिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उनके पास निम्नलिखित योग्यताएँ हैं:
- MBBS (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery) – गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल
- DA (Diploma in Anaesthesiology) – मणिपाल अकादमी ऑफ हायर एजुकेशन, कर्नाटका
- DNB (Diplomate of National Board, Anaesthesiology) – सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली
- FIPP (Fellow of Interventional Pain Practice) – वर्ल्ड इंस्टीट्यूट ऑफ पेन, यूएसए
- FIAPM (Fellow of Indian Academy of Pain Medicine) – इंडियन सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ पेन, नई दिल्ली
इन योग्यताओं के माध्यम से, डॉ. काँठेड़ ने दर्द प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता साबित की है। उन्होंने विभिन्न सर्टिफिकेशन कोर्स और कार्यशालाओं में भाग लिया है, जिससे उनकी चिकित्सा क्षमता और भी बढ़ी है।
सम्पूर्ण भारत में परिवर्तन के सूत्रधार
डॉ. काँठेड़ ने सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत होते हुए मात्र 2 साल में भारत के छह राज्यों में पेन फिजिशियन की गवर्निंग बॉडी को स्थापित किया। इसके माध्यम से प्रदेश में डॉक्टर्स और मरीजों के बीच दर्द के इलाज की नवीन पद्धतियों का प्रचार होगा। इससे मरीज बिना किसी सर्जरी के ठीक हो पाएंगे और उनका जीवन बेहतर होगा। उनके प्रयासों ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में बल्कि समाज के विभिन्न हिस्सों में भी बदलाव लाने का काम किया है।
कैडेवर वर्कशॉप और डॉक्टरों का प्रशिक्षण
डॉ. काँठेड़ ने अब तक 20 से अधिक कैडेवर वर्कशॉप का आयोजन किया है, जिसमें भारत और विदेशों से कई डॉक्टर आकर दर्द के इलाज की नवीन पद्धतियों को सिखते हैं। यह वर्कशॉप न केवल डॉक्टरों के ज्ञान में वृद्धि करती है, बल्कि मरीजों के लिए बेहतर उपचार सुनिश्चित करती है। उनका मानना है कि ज्ञान का साझा करना न केवल चिकित्सकों के लिए बल्कि मरीजों के लिए भी लाभकारी होता है। इन कार्यशालाओं में उन्होंने अभी तक पेन फ़िज़िशियन के अलावा क़रीब 100 न्यूरो सर्जन, न्यूरो फिजिशियन, आर्थोपेडिक सर्जन एवं स्पाइन सर्जन को इंटरवेंशनल पेन मेडिसिन की बारीकियों के बारे में सिखाया है।
डॉ. काँठेड़ का सामाजिक योगदान
डॉ. काँठेड़ का उद्देश्य सिर्फ चिकित्सा तक ही सीमित नहीं है; वे विभिन्न सामाजिक सेवाओं में भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। उन्होंने कई मुफ्त चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया है, जिससे वे समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक पहुंचने का प्रयास करते हैं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति को दर्द से मुक्ति और बेहतर जीवन जीने का अधिकार है।
भावनात्मक जुड़ाव और समर्पण
डॉ. काँठेड़ का समर्पण और संवेदनशीलता उन्हें एक असाधारण चिकित्सक बनाती है। वे हमेशा अपने मरीजों की भलाई के लिए तत्पर रहते हैं और उनके प्रति एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव रखते हैं। उनके काम के प्रति इस जुनून ने उन्हें न केवल एक चिकित्सक बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत भी बना दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय मान्यता
डॉ. काँठेड़ ने कई अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भाग लिया है और अपने कार्यों के माध्यम से देश का नाम रोशन किया है। वे न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर बन चुके हैं। हाल ही में, अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ पेन एंड न्यूरोसाइंस (ASPN) ने उन्हें उनकी एनुअल कांग्रेस में अमेरिका के मियामी शहर में स्कालरशिप अवार्ड दिया है। ASPN जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने भी दर्द के क्षेत्र में उनके योगदान को सराहा है।
डॉ. प्रवेश काँठेड़ का जीवन और कार्य हमें यह सिखाता है कि जब एक व्यक्ति अपने काम के प्रति समर्पित होता है, तो वह न केवल अपने जीवन में बल्कि समाज में भी बदलाव ला सकता है। उनकी कहानी दर्द से मुक्ति और स्वतंत्र जीवन की एक प्रेरणा है, जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। वे अपने कार्यों के माध्यम से यह सिद्ध कर रहे हैं कि दर्द का इलाज केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक मानवीय कर्तव्य भी है।
डॉ. काँठेड़ की यह यात्रा न केवल चिकित्सा क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रही है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि एक चिकित्सक का उद्देश्य केवल उपचार करना नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना और लोगों को एक बेहतर जीवन जीने में सहायता करना भी है। उनके प्रयासों ने दर्द मुक्ति की दिशा में एक नई रोशनी डाली है, जो आगे चलकर और भी अधिक लोगों को राहत प्रदान करेगी