भास्कर समाचार सेवा
इटावा। जनपद में फर्जी व्यक्ति के नाम से न्यायालय में परिवाद दाखिल कर पांच लोगों को छेड़खानी व एससी एसटी एक्ट का आरोपी बनाया गया। आरोपी पक्ष के अधिवक्ता ने मामले की छानबीन कर न्यायालय के अंदर फर्जी वकालतनामा लगाकर फर्जी तरह से परिवाद दर्ज होने की बात कही। इस पर अधिवक्ता ने जिला बार, यूपी बार और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शिकायती प्रार्थना पत्र भेजकर मामले की शिकायत की गई है।
बताते चलें इटावा जिले की एक कोर्ट में फर्जी तरह से अधिवक्ता का रजिस्ट्रेशन नंबर लगाकर इटावा जसवन्तनगर क्षेत्र के रहने वाले वादी का छेड़छाड़, एसएसी एसटी एक्ट में मथुरा जिले के रहने वाले पांच लोगों के विरुद्ध विशेष न्यायधीश एससी, एसटी कोर्ट में 13 अप्रैल 22 को परिवाद दाखिल किया गया था। जिसकी जानकारी होने पर प्रतिवादी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अश्वनी सिंह ने केस का मुआयना किया और परिवाद दर्ज करने वाले अधिवक्ता दीपक यादव के नाम का वकालतनामा देख कुछ शक जाहिर हुआ जिसके बाद अधिवक्ता अश्वनी सिंह ने दीपक यादव नाम के अधिवक्ता के रजिस्ट्रेशन नंबर की डिस्ट्रिक्ट बार एसोशियेशन इटावा के कार्यालय अभिलेख का निरीक्षण किया गया, तो पाया कि पंजीयन संख्या 1781 सन 2006 दीपक यादव के नाम का कोई अधिवक्ता कार्यालय अभिलेख में पंजीकृत नही है। जिसके बाद इस तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। अधिवक्ता ने इस मामले पर जांच कर यूपी बार काउंसिल से कार्यवाई की मांग की है। अधिवक्ता अश्वनी सिंह ने बताया कि इटावा जनपद में 13 मार्च 22 को विशेष न्यायाधीश एसएसी एसटी कोर्ट में दीपक यादव नाम के वकील ने एक परिवाद दाखिल किया। वकालतनामा जो लगाया गया उसमें रजिस्ट्रेशन नंबर 1781 सन 2008 अंकित था, जब इस केस में प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता नियुक्त हुआ तब मैंने इस फाइल का मुआयना किया। तब मैंने इस रजिस्ट्रेशन नंबर को सर्च किया तो उसमें उमेश कुमार गुप्ता देवरिया के रहने वाले अधिवक्ता दर्ज थे, मोबाइल नंबर पर जब संपर्क किया तो नंबर मेरठ के किसी व्यक्ति का था। तो समझ आया कि यह वकालतनामा फर्जी तरह से लगाया गया है। अधिवक्ता का आरोप है कि एक गिरोह चल रहा है जो बड़े नाम वाले लोगों को झूठे मुकदमों में फसाता है। ऐसे ही एक मामले में कुछ वकील फसे थे जिसमें हाल ही में उच्चन्यायालय के संज्ञान में आने के बाद इसमें सीबीआई जांच हो रही है। ऐसे ही इस मामले की अगर जांच होगी तो इसमें में भी ऐसा ही मामला निकलकर सामने आयेगा। लोगों ने एक गिरोह बना रखा है बड़े आदमियों को फसाना उनसे एक्सटॉर्शन करके पैसा लेना। उहोंने बताया जब मैंने डीबीए इटावा को सूचना दी तो डीबीए ने मुझे इस संबध में एक पत्र दिया कि मेरे यहां कोई अधिवक्ता इस नाम रजिस्ट्रेशन का रजिस्टर्ड नही है, यूपी बार में भी इस नंबर पर कोई अधिवक्ता रजिस्टर्ड नही है। इस नंबर पर देवरिया के उमेश कुमार गुप्ता रजिस्टर्ड है। तथा ऐसे फर्जी लोगों से वादी और प्रतिवादी दोनों को हानि हो रही है। जिले ने इस तरह का पहला ऐसा मामला सामने आया है। इस मौके पर विकास दिवाकर एडवोकेट,निधि पाल एडवोकेट,शिवम सिंह एडवोकेट,अनिल पाल एडवोकेट समेत तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।
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