15 साल के राज के बाद, मुख्यमंत्री पद से दिया शिवराज ने इस्तीफा, विजयवर्गीय ने लिखे ये कविता…

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भोपाल,। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार सुबह मुख्यमंत्री निवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। शिवराज ने प्रदेश की जनता को धन्यवाद देते हुए जनमत का सम्मान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मप्र में यह दूसरी बार है जब प्रदेश में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है।
बसपा के ऐलान के बाद शिवराज सिंह ने हार स्वीकारते हुए सरकार बनाने का दावा नहीं करने का फैसला लिया है। उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि जनता के फैसले के आगे शीश झुकाता हूं, सरकार बनाने का दावा भाजपा नहीं करेगी। प्रदेश में भाजपा को सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत मिला, लेकिन संख्या बल में वह पीछे रही। सीएम ने कहा हम संख्या बल का सम्मान करते हैं। इसके बाद वे राज्यपाल के पास इस्तीफा देने पहुंचे। अब यह साफ हो चुका है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। आज कांग्रेस नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- हार से विचलित नहीं हूं

भोपाल, 12 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता की ओर से अब तक चुनावी पराजय को स्वीकार करने संबंधी बयान नहीं आया है। ऐसे में पार्टी के कद्दावर नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने परोक्ष रूप से एक कविता की पंक्तियों के माध्यम से यह स्वीकार किया है कि वे जीत या हार से भयभीत अथवा विचलित नहीं होते।
राज्य विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 109 सीटें ही हासिल कर सकी, जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। हालांकि अभी भाजपा ने जनादेश को अपनी पराजय के रूप में स्वीकार नहीं किया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मतगणना से पहले प्रदेश से तीन मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद जताई थी। लेकिन अब परोक्ष रूप से ही सही, उन्होंने ट्विटर के जरिए हार की बात की है। उन्होंने स्व. अटलजी की एक कविता की पंक्तियां शेयर करते हुए लिखा है-
क्या हार में, क्या जीत में,
किंचित नहीं भयभीत मैं,
कर्त्तव्य पथ पर जो भी मिला,
यह भी सही वो भी सही!

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