1993 के बाद 17 में ही दोबारा खिला था, विधानसभा हरैया में भाजपा का कमल

हर्रैया विधानसभा

हर्रैया /बस्ती । अनेकों ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं को अपने आंचल में समेटने वाले हरैया विधानसभा क्षेत्र भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या से सटा  होने के कारण यह क्षेत्र राम जन्मभूमि आंदोलन का न सिर्फ केन्द्र रहा बल्कि प्रभु श्रीराम के जन्म की पीठिका तैयार करने वाली मखभूमि मखौड़ा भी इसी क्षेत्र मे स्थित है। पौराणिक मान्यतओ वाली सरयू नदी के अलावा मनः तापो को हरण करने वाली मनोरमा नदी इसी विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरती है। बावजूद इसके सिर्फ  राम लहर में जगदंबा सिंह ने लगातार दो बार भाजपा का कमल खिलाया था। इसके बाद 2017 में ही इस विधानसभा क्षेत्र में कमल खिल पाया ।इससे पूर्व दो बार बसपा और दो बार सपा का इस विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा रहा है। 
   

विधानसभा क्षेत्र हरैया का  पश्चिमी छोर   गोंडा जनपद से सटा हुआ है तो दक्षिण में अयोध्या जनपद सरयू और मनोरमा जैसी पौराणिक   पवित्र नदियां इस विधानसभा से होकर  गुजरती है। मनोरमा नदी के किनारे ही मखभूमि मखौड़ा  स्थित है जहां पर अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट महाराजा दशरथ ने  पुत्रेष्ठि  यज्ञ कराया था ।यज्ञ से  निकले हव्य  पायस  प्रसाद को ग्रहण  करने से राजा की तीनों रानियां गर्भवती हुई थी ,और जिन्हें राम ,लक्ष्मण ,भरत और शत्रुघ्न के रूप मे चार पुत्रों की  प्राप्ति हुई थी। इसी मखभूमि से चौरासी कोसी परिक्रमा की शुरुआत प्रत्येक वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा से होती है।  जंगे आजादी की लड़ाई में भी हरैया विधानसभा क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व देश और प्रदेश में माना जाता है आज भी अमोढा के राजा  जालिम सिंह के   किले का ध्वंसावशेष  गोरी सरकार के जुल्मों   बयां कर रहा है ।अंग्रेजों ने किस तरह से उन पर जुल्म ढाए थे ।उनकी रानी  महारानी  तलाश कुंवरि ने अंग्रेजों से लोहा लेते हुए पखेरवा गांव पास शहीद हो गई थी ।उनके कुलखानदान के लोगों द्वारा बनाया गया भव्य मंदिर महारानी के गौरव गाथा को कह रहा है। बताया जाता है कि वर्तमान छावनी बाजार  सैनिक छावनी हुआ करती थी ।  आजादी की लड़ाई लड़ने वाले  तथा  अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति में भाग लेने वाले आजादी  के डेढ़ सौ मतवालो  को इसी पीपल के पेड़ पर फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया गया था जो आज भी छावनी थाने के सामने मूक  गवाह बनकर खड़ा हुआ है, ऐतिहासिक धरोहरों को समेटने वाला हरैया विधानसभा क्षेत्र अयोध्या से सटे होने के बावजूद  सिर्फ़ राम लहर में विक्रमजोत के ब्लाक प्रमुख रहे स्वर्गीय जगदंबा  ने भाजपा के टिकट पर 1991 और 1993 मे लगातार  दो बार यहां से भाजपा का कमल खिलाया था ।और दोनों बार उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जनता दल के उम्मीदवार अनिल सिंह ही रहे।


लेकिन 1996 मे  दलबदल में माहिर और शिक्षा क्षेत्र के मालवीय माने जाने वाले राजनीति धुरंधर सुखपाल पांडे ने स्थित को नजाकत को भांपते हुए हाथी की सवारी कर लिया और हाथी पर सवार होकर के उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से यह सीट छीन ली । सुखपाल पाण्डेय को 47984 मत तथा जगदंबा सिंह को 39359 मत मिला ।भाजपा के मत मे जबरदस्त बढोतरी के बाद भी श्री सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा था।हालांकि स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण छः छः माह का  भाजपा बसपा  समझौता हुआ तत्पश्चात बसपा में टूट हुआ और अन्य विधायकों के साथ  सुखपाल पांडे भी बसपा से अलग हो गए और कल्याण सिंह के जम्मू मंत्रिमंडल में शामिल हो गए थे ।2002 के विधानसभा चुनाव मे बसपा ने यहां नौजवान उम्मीदवार राज किशोर सिंह को चुनाव मैदान मे  उतारा भारतीय जनता पार्टी ने अपने कद्दावर नेता विनोद पांडे को चुनाव मैदान में उतारा तो परशुरामपुर के ब्लॉक प्रमुख त्र्यंबक नाथ पाठक सपा से उम्मीदवार बने इस त्रिकोणीय लड़ाई में  राज किशोर सिंह ने बाजी मार लिया  सपा के उम्मीदवार तत्रयंबक नाथ पाठक को मात देकर के बसपा का  कब्जा  हर्रैया  सीट पर बरकरार रखा ।लेकिन कुछ दिनों के बाद बसपा और सपा में आई कटुता के चलते जब सरकार गिरी तो राज किशोर सिंह ने भी पाला बदलते हुए सपा का दामन थाम लिया और सपा सरकार में मंत्री बने ।2007 के विधानसभा चुनाव मे राज किशोर सिंह ने सपा से ही किस्मत आजमाया और बसपा के धुरंधर नेता अनिल सिंह को मात देकर दूसरी बार विजयश्री हासिल2012के विधानसभा चुनाव  मे   राज किशोर सिंह वतौर सपा उम्मीदवार ने   बसपा उम्मीदवार डॉक्टर ममता पांडे को पराजित करके हैट्रिक लगाई और अखिलेश सरकार मे  कैबिनेट मंत्री  बन गए ।लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस छोड़ कर  भाजपा मे शामिल हुए अजय सिंह को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया मोदी लहर मे  भाजपा उम्मीदवार अजय सिंह ने लगातार तीन बार विधायक रहे राजकिशोर सिंह  को पटखनी दे दिया।इससे पूर्व हुए दो चुनाव में भाजपा को तीसरा और चौथा स्थान मिला लेकिन 17 में भाजपा ने भारी मतों के अंतर से विजय प्राप्त किया। फिलहाल 2024 विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है सभी दलों के सियासी सूरमा चुनावी समर मे कूदने को व्यग्र है। लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को छोड़कर किसी भी दल ने हर्रैया विधानसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार की सूची अभी जारी नहीं किया है।

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