आखिर इन गौवंशों का कौन बनेगा पालनहार?

ग्राम पंचायत चखरा में अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल है राम भरोसे?

गौशालाओं में सूखे भूसे पर आश्रित है सैकड़ों गौवंश

भास्कर न्यूज

निघासन/सिंगाही-खीरी।गौशालाएं प्रदेश के सरकारी प्रमुख योजनाओं में शामिल है। मगर यहां जिले भर के गौशालाओं का बुरा हाल है। गौशालाओं में पल रहे पशुओं को खाने के लिए ना ही हरा चारा है और ना ही प्रर्याप्त भूसा। पशुओं के इलाज के नाम पर महज कागजों पर खानापूर्ति ही की जा रही है।

हालात यह है कि गौशालाओं में एक दो गायों की मौत हो रही है गायो की दयनीय दुर्दशा पर न जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है न ही गौशाला संचालक।ऐसा ही एक मामला जनपद खीरी की विकास खण्ड निघासन की ग्राम पंचायत चखरा में स्थित गौशाला मे चल रहा गड़बड़ घोटाला इसकी सूचना जब मीडियाकर्मियों को पता चली तो चक्र में स्थित गौशाला को देखने पत्रकार जब पहुंचे और गौशाला के अंदर की स्थित देखने के लिए जाने लगे तो गौशाला के देख रेख कर रहे व्यक्ति अवधेश राजपूत निवासी ग्राम बलदेवपुरवा पत्रकारों को अंदर जाने रोका और कहने लगे कि गौशाला के अंदर जाना हमें अधिकारियों का सख्त आदेश है कि कोई भी अंदर प्रवेश नहीं कर सकता।इससे साफ पता चलता है इनकी गड़बड़ घोटाले की पोल सामने ना आ जाये।

इसीलिए अवधेश राजपूत ने पत्रकारों को अंदर जाने से रोक दिया।जब सरकार इन गौशाला पर लाखों रुपए खर्च कर रही।यह लोग गौशाला पर पूरा पैसा नहीं खर्च कर रहे और अपनी जेबों को भर रहे हैं।केवल खानापूर्ति ही कर रहे हैं अच्छा चारा नहीं मिलता है।केवल गायों को चारा के रूप में मिलता है सूखा भूसा जिससे गायों की हालत दिन पर दिन बद्तर होती जा रही अच्छे चारे ना होने की वजह से गायों की हालत बद से बद्तर नजर आ रही।चारों तरफ कटीले तार लगे हुए हैं जैसे गाय बाहर निकलने के लिए तारों के अंदर से सिर बाहर निकालती है इन तारों में गाय फंस कर घायल होने की संभावना भी बनी रहती है।

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