आये दिन हिन्दू देवी-देवताओं एवं सनातन संस्कृति को अपमानित करने वाली फिल्म बनती है और विरोध करने के बावजूद भी फ़िल्म चलती है। आखिर क्यों ऐसी फिल्मों पर बैन नही लगता?
इन फिल्मो का विरोध भी कुछ हिन्दू संगठन द्वारा ही किया जाता है, हिन्दू जनमानस नही करते। उक्त बातें सोशल चौकीदार ट्रस्ट के अध्यक्ष के०के० शर्मा ने कहीं।
उन्होंने कहा कि शर्मनाक बात यह है कि हिन्दू अपने देवी-देवताओं, सन्त-महात्माओं को अपमानित करने वाली फिल्म देखते है। ये निर्देशक पैसे कमाने के लिए फ़िल्म तो बनाते ही है लेकिन हिन्दू संस्कृति को विकृत एवं अविश्वसनीय बनाने के लिए ऐसी फिल्में जान बूझकर बनाई जाती है ताकि हिन्दुओं एवं सनातन धर्म की नई पीढ़ियों में आस्था समाप्त हो जाये और ऐसा ही नही है, ऐसे कई फ्लॉप फिल्मों को चीन एवं अन्य भारत विरोधी देशों द्वारा अपने देशों के दर्शकों को दिखाने के बहाने मोटा पैसा मिलता है। आखिर क्या कारण है कि जो फिल्में भारत मे फ्लॉप हो जाती है और वो चीन व पाकिस्तान में बहुत पैसा कमाती है?
क्या यह निर्देशक अभिनेता अन्य धर्मों को अपमानित करने वाली फिल्में बनाने की हिम्मत कर सकते हैं वह ऐसा इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि “सर तन से जुदा” के नारे उन्होंने सुने हैं और “सर तन से जुदा” होते उन्होंने देखे हैं। इसमें उनसे भी ज्यादा दोष हिंदुओं का है जो ऐसी फिल्में देखते हैं। अगर हिंदू यह ठान लें कि हिंदू देवी-देवताओं एवं संत-महात्माओं को अपमानित करने वाली फिल्म तो देखेंगे ही नहीं बल्कि ऐसी फिल्मों के निर्देशक एवं अभिनेताओं की अन्य फिल्में भी न देखने की कसम खा ले तो हिंदू धर्म का अपमान होने से बच जाएगा।
के०के० शर्मा ने सभी हिंदुओं से अनुरोध करते हुये कहा है कि सैफ अली खान, आमिर खान जैसे अभिनेताओं की कोई फिल्म ना देखें अन्यथा हिंदू एकता की बात करना छोड़ दें।
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