दो बड़े मिशन चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 की सफलता पूर्वक लॉन्च के बाद अब इसरो गगणयन को सफल बनाने में जुटा हुआ है गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार (27 फरवरी) को केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन के लिए चारों एस्ट्रोनॉट्स प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजित कृष्णन और शुभांशु शुक्ला को एस्ट्रोनॉट विंग्स पहनाए. पीएम नरेंद्र मोदी ने इन्हें एस्ट्रोनॉट विंग्स देकर इन्हे दुनिया के सामने पेश किया.बता दे की गगनयान मिशन के सफल होने के बाद, भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने खुद चालक दल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है।
फ़िलहाल इस लिस्ट में केवल अमेरिका, रूस और चीन का नाम ही शामिल हैं। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने एक बयान में कहा था कि गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री 2025 में उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं। सोमनाथ ने कहा था, ‘चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद इसरो गगनयान मिशन को संभव बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। और अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना इस मिशन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसे संभव बनाने के लिए हमें बहुत सारी तकनीक विकसित करने की जरूरत है और हम इसे संभव बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। फ़िलहाल चारों एस्ट्रोनॉट्स कि बेंगलुरु के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में ट्रेनिंग चल रही है।