जयपुर। कांग्रेस-भाजपा सहित कई प्रमुख दलों को पछाड़ते हुए पहले दिल्ली और फिर पंजाब में सरकार बनाने में सफल हुई आम आदमी पार्टी ने अब राजस्थान का रुख कर लिया है। आप पार्टी कल रविवार से राजस्थान में ‘मिशन 2023 फतह’ के मद्देनज़र चुनावी शंखनाद करने जा रही है। पार्टी नेताओं का मानना है कि राजस्थान से सटे पंजाब में हालिया मिली जीत का असर प्रदेश में भी दिखाई देगा। वहीं कार्यकर्ताओं में ज़बरदस्त जोश और उत्साह देखकर आप नेता अभी से ही राजस्थान में जीतकर सरकार बनाने का दावा तक कर रहे हैं।
कार्यक्रम का नाम ‘विजय उत्सव’ रखा गया
राजस्थान में आप पार्टी का औपचारिक शंखनाद कल रविवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में आयोजित एक ज़रिये होगा। कार्यक्रम का नाम ‘विजय उत्सव’ रखा गया है। साथ ही इसी कार्यक्रम में कार्यकर्ता सम्मलेन और होली मिलन भी रखा गया है। बताया जा रहा है कि जयपुर सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाकर आप पार्टी राजस्थान में अपनी एन्ट्री का ‘ट्रेलर’ दिखाएगी
यहां लगने लगे सीनियर नेताओं के दौरे
राजस्थान में आप पार्टी की गतिविधियों में एकाएक तेज़ी आने लगी है। कई सीनियर नेताओं के दौरे लगने शुरू हो गए हैं। रविवार को होने वाले जयपुर सम्मेलन के लिए तीन प्रमुख नेता राज्यसभा सांसद संजय सिंह, नव नियुक्त चुनाव प्रभारी विनय मिश्र और सह प्रभारी खेमचंद जागीरदार जयपुर पहुंच चुके हैं। ये तीनों नेता आज जयपुर के प्रेस क्लब सभागार में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मौजूद रहेंगे।
केजरीवाल-मान भी लगाएंगे राजस्थान का चक्कर
राजस्थान में ‘मिशन 2023’ के नज़दीक आने के साथ ही आम आदमी पार्टी अपने पक्ष में माहौल बनाने पर भी पूरा फोकस करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी के ‘स्टार प्रचारकों’ का एक-एक दौरा राजस्थान में जल्द ही लगना संभावित है। ऐसे में माना जा सकता है कि दिल्ली सीएम और आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल से लेकर पंजाब सीएम भगवंत मान सहित अन्य राष्ट्रीय स्तर के चहरे राजस्थान का दौरा कर सकते हैं।
सदस्यता बढ़ाने पर फोकस
कांग्रेस-भाजपा को टक्कर देने के लिए आप पार्टी का पूरा फोकस फिलहाल प्रदेश में सदस्यता अभियान को गति देने पर टिका हुआ है। आप के केंद्रीय नेतृत्व से मिले निर्देश पर प्रदेश स्तर के नेता और पदाधिकारी सक्रीय हो गए हैं। विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों को पार्टी से जोड़ने के साथ ही हर वर्ग के लोगों को सदस्यता दिलाने को लेकर युद्ध स्तर पर काम शुरू हो चुका है। वरिष्ठ नेता विभिन्न ज़िलों के दौरे पर निकलकर सदस्यता अभियान को गति देने में लगे हैं।