कलकत्ता उच्च न्यायालय की फटकार के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के खिलाफ हत्या के एक पुराने मामले में पूरक आरोपपत्र वापस ले लिया है। शेख शाहजहां पर पांच जनवरी को संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय सशस्त्र बलों (सीएपीएफ) की टीमों पर हुए हमले की साजिश रचने का आरोप है।
शहर पुलिस के सूत्रों के अनुसार, पूरक आरोपपत्र वापस लेने की कार्रवाई की सूचना कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ को भी दी गई है। न्यायमूर्ति ने एक अप्रैल को पूरक आरोपपत्र को अदालत की अवमानना बताया और राज्य पुलिस के खिलाफ आवश्यक नियम जारी करने की चेतावनी दी। यह मामला संदेशखाली में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या से संबंधित एक पुराने केस से जुड़ा है,
जिसमें राज्य पुलिस ने शाहजहां का नाम शामिल किए बिना आरोपपत्र दायर किया था। पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने बाद में आरोपपत्र में शाहजहां का नाम शामिल न करने पर आपत्ति जताते हुए न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद पीठ ने हाल ही में राज्य पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर अंतरिम रोक लगा दी थी। हालांकि, जब मामला एक अप्रैल को सुनवाई के लिए आया, तो न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने कहा कि राज्य पुलिस ने उस मामले में एक पूरक आरोपपत्र तब दायर किया है जबकि अंतरिम स्थगन आदेश लागू था।
इसके बाद, न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और सवाल किया कि अदालत द्वारा जांच पर रोक लगाने के बाद राज्य पुलिस पूरक आरोपपत्र कैसे दाखिल कर सकती है। उन्होंने राज्य पुलिस को पूरक आरोपपत्र तुरंत वापस लेने या अदालत की अवमानना के आरोपों का सामना करने का निर्देश दिया था। इसके बाद पुलिस ने आरोप पत्र वापस लिया है।