प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह और पूर्व केंद्रीयमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को अपना-अपना दायित्व संभाल लिया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बनी दूसरी राजग सरकार में अमित शाह गृह और राजनाथ को रक्षा मंत्रालय दिया गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पदभार संभालने की शुक्रवार से तैयारियां शुरू हो गई थीं। शुक्रवार दोपहर मंत्रालय आवंटन के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी। इसके बाद कुछ मंत्रियों ने अपना कार्यभार संभाल लिया। केंद्र में राजग दोबारा वापसी में शाह की चुनाव रणनीति को बेहद अहम माना जा रहा है। इससे पहले वह गुजरात में भी गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल चुके हैं।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के मोदी सरकार में गृहमंत्री बनने के बाद अब चर्चा इस बात की है कि पार्टी में अगला अध्यक्ष कौन होगा. अध्यक्ष पद को लेकर बीजेपी में मंत्रणा भी शुरू हो गई है. PM मोदी की पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे जेपी नड्डा समेत कुल 37 मंत्रियों के नाम मोदी की दूसरी कैबिनेट से इस बार नदारद रहे. इसके साथ ही ये चर्चाएं भी तेज हो गईं हैं कि नड्डा के लिए पार्टी कुछ बड़ा सोच रही है. खबर है कि एक समय बीजेपी के युवा मोर्चे के अध्यक्ष रहे नड्डा को अब पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है. अभी तक ये जिम्मेदारी अमित शाह संभाल रहे थे. आमतौर पर लो- प्रोफाइल रहने वाले नड्डा को बीजेपी का संकटमोचक भी कहा जाता है.
जानकारी के लिए बताते चले लोकसभा चुनाव 2019 के लिए यूपी में पार्टी के प्रदर्शन को और ऊंचाई पर ले जाने के लिए अमित शाह ने जेपी नड्डा को अहम जम्मेदारी सौंपी थी. नड्डा ने इसके लिए गुजरात में बीजेपी के मंत्री रहे गोर्धन जडाफिया के साथ मिलकर यूपी में एनडीए को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट और 64 सीटें मिलना सुनिश्चित किया.
जानिए क्या कहते है सूत्र
मिले जानकारी के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि नड्डा भाजपा संसदीय बोर्ड के भी सदस्य है जो भाजपा की शीर्ष निर्णय करने वाली संस्था है और इसका सदस्य होने के नाते वरिष्ठता के लिहाज से भी वह उपयुक्त माने जा रहे हैं. नड्डा के अलावा पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव और ओपी माथुर के नाम की भी चर्चा है.
इसके अलावा नित्यानंद राय के मंत्री बनने से बिहार प्रदेश भाजपा, महेन्द्र नाथ पांडे के मंत्री बनने से उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद के लिये भी नये चेहरे की तलाश करनी होगी क्योंकि ये दोनों संबंधित राज्यों के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं.
भाजपा का जो भी नया अध्यक्ष होगा, उसके सामने चुनौतियों का अंबार होगा। सबसे पहले तो नए अध्यक्ष पर इसी साल होने वाले तीन राज्यों महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में चुनाव होने हैं. इन तीनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार है और नए अध्यक्ष के सामने इन राज्यों में पार्टी की पिछली परफॉर्मेंस को बनाए रखने का दबाव होगा.