राफेल पर फैसला आने के बाद जमकर बरसे शाह, बोले-देश की जनता को गुमराह करना बंद करें राहुल

नयी दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में कथित घोटाले को लेकर लगातार निशाने पर रही मोदी सरकार को उच्चतम न्यायालय से शुक्रवार को उस वक्त बड़ी राहत मिली, जब इसने सभी छह याचिकाएं खारिज कर दी। इसके बाद  राफेल मामले पर अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि चौकीदार को चोर उन्हीं लोगों ने कहा जिन्हें नरेंद्र मोदी से डर है। जब 2001 में एयरफोर्स ने विमानों की डिमांड रखी थी तो 2007 से 2014 तक यह सौदा क्यों फाइनल नहीं हुआ? राहुल गांधी को देश को यह जवाब देना चाहिए। इससे पहले मामले पर संसद में राजनाथ सिंह ने कहा कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि धूमिल की, राहुल को माफी मांगना चाहिए। राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल विमान खरीद की प्रक्रिया में शक की कोई गुंजाइश नहीं है। इसमें कारोबारी पक्षपातों जैसी कोई बात सामने नहीं आई।

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देश की जनता को गुमराह करना बंद करें राहुल: अमित शाह 

अमित शाह ने कहा की  राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला का स्वागत करता हूं। आज सत्य की जीत हुई है। देश की जनता को गुमराह करने का इससे बड़ा प्रयास पहले कभी नहीं हुआ और वो भी यह प्रयास कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह प्रयास तत्काल फायदा लेने के लिए किया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से साबित कर दिया कि झूठ के पैर नहीं होते। भाजपा अध्यक्ष ने कहा- सुप्रीम कोर्ट की जांच में तीन मुद्दों पर सवाल उठाए गए थे। तीनों ही मुद्दों पर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने स्पष्टता से अपना फैसला कोर्ट में सुनाया। डिसीजन मेकिंग के प्रति रिकॉर्ड की जांच कर सेट असाइड करने की कोशिश को कोर्ट ने नकार दिया। कोर्ट ने साफ किया कि पड़ोसी देश जब फोर्थ और फिफ्थ जेनरेशन के विमानों से सुसज्जित हो तो नए विमानों की खरीदी में देरी करना ठीक नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जताई कि विमान की खरीदी देश के आर्थिक फायदे के तहत ही हुई। भारत सरकार का ऑफसेट पार्टनर चुनने में कोई रोल नहीं है। यह हम पर आरोप लगाने वालों के मुंह पर चांटा है। शाह के मुताबिक- कोर्ट ने कहा कि किसी को आर्थिक फायदा पहुंचाने का कोई भी तथ्य सामने नहीं आया है। अखबारी निवेदनों और परसेप्शन के आधार पर कोर्ट किसी फैसले पर नहीं पहुंच सकता। जिन लोगों ने भी इस मामले पर देश को गुमराह करने का प्रयास किया, उन्हें देश की जनता और सेना के जवानों से माफी मांगनी चाहिए।

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राफेल पर इतनी जानकारी कहां से लाए?
अमित शाह ने कहा- राहुल गांधी से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं। राफेल पर उनके पास इतनी इन्फॉर्मेशन का सोर्स क्या था? उन्हें देश को यह बताना चाहिए। जब 2001 में एयरफोर्स ने प्लेन की डिमांड रख दी तो 2007 से 2014 तक यह सौदा क्यों फाइनल नहीं हुआ? कांग्रेस ने जितने भी सौदे किए सब में कमीशनखोरों और बिचौलियों की जगह रखी। कभी क्वात्रोची तो कभी किसी मिशेल को बिचौलिया रखा। मोदी सरकार ने सीधे गवर्मेंट टू गवर्मेंट डील की। शाह ने कहा- कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में रहती है तो करप्शन और घोटालों की लड़ छूटती है। 10 सालों में साढ़े 12 लाख करोड़ रुपए के घोटाले करने वाली कांग्रेस जब मोदीजी पर आरोप लगाती है तो उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। आज साबित हो गया कि जो चोर-चोर की गूंज लगाते हैं उनके खुद के मन में खुद ही भय होता है। मेरी राहुल को सलाह है कि सूरज पर चाहे जितनी भी मिट्टी उछालो, वह गिरती अपने मुंह पर ही है।

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विपक्ष ने फिर उठाया राफेल का मुद्दा
शुक्रवार को विराफेल मामले पर शुक्रवार को अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि चौकीदार को चोर उन्हीं लोगों ने कहा जिन्हें नरेंद्र मोदी से डर है। जब 2001 में एयरफोर्स ने विमानों की डिमांड रखी थी तो 2007 से 2014 तक यह सौदा क्यों फाइनल नहीं हुआ? राहुल गांधी को देश को यह जवाब देना चाहिए। इससे पहले मामले पर संसद में राजनाथ सिंह ने कहा कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि धूमिल की, राहुल को माफी मांगना चाहिए। राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल विमान खरीद की प्रक्रिया में शक की कोई गुंजाइश नहीं है। इसमें कारोबारी पक्षपातों जैसी कोई बात सामने नहीं आई।

 

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