मुम्बई। हिंदी और गुजराती फिल्मों में बैक-टू-बैक हिट देने के बाद, द ताशकंद फाइल्स के निर्माता, शरद पटेल अपनी बड़े बजट की बॉलीवुड फिल्म ‘हिसाब बराबर’ का निर्माण कर रहे हैं जिसमें आर. माधवन मुख्य भूमिका में हैं। हिंदी हो या गुजराती फिल्म शरद पटेल ने हमेशा हिट फिल्म ही बनाई है। उनकी इस रोचक फिल्मी यात्रा के बारे में उनसे हुई साक्षात्कार का यहाँ विवरण है।
आर. माधवन के साथ अपने प्रोजेक्ट के बारे में कुछ बताएं?
शरद पटेल : मैं बस इतना कह सकता हूं कि फिल्म के प्रमुख भागों की शूटिंग पूरी हो गई है और यह पोस्ट प्रोडक्शन के तहत है और 2024 तक फिल्म रिलीज हो जाएगी।
माधवन के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
शरद पटेल : आर. माधवन के साथ काम करना एक शानदार अनुभव रहा है। वह एक बेहद अच्छे इंसान हैं और वास्तव में अपनी कला के प्रति लगनशील और समर्पित हैं। जब मैंने उनके साथ काम करने की शुरुआत की थी तब हम प्रोफेशनल (व्यवसायिक) तौर पर काम कर रहे थे लेकिन प्रोजेक्ट्स पूरा होते होते हम अच्छे दोस्त बन गए। उनके साथ काम करना एक अलग अनुभव रहा, उनसे बहुत कुछ सीखने और समझने को मिला। वे अपने काम के प्रति बेहद समर्पित व्यक्ति हैं।
ताशकंद फाइल्स के बाद आपने अपने हिंदी प्रोजेक्ट में इतनी देरी क्यों की?
शरद पटेल : किसी कार्य को जल्दीबाजी में करने के बजाय मैं अपने प्रोजेक्ट के बारीकियों पर पूरा ध्यान देता हूँ, उसके बाद ही पहल करता हूं।
क्या आप अपनी किसी गुजराती फिल्म का हिंदी में रीमेक बनाने की योजना बना रहे हैं?
शरद पटेल : फिल्म ‘छेलो दिवस’ को 2017 में, हिंदी में रिमेक किया गया है। जहां तक हमारी बाकी गुजराती फिल्मों की बात है, तो तत्काल कोई योजना नहीं है लेकिन समयानुसार यह किया जा सकता है।
हिंदी उद्योग और गुजराती उद्योग के बीच सबसे बड़ा अंतर क्या है?
शरद पटेल : हिंदी और गुजराती फिल्मों में सबसे बड़ा अंतर परियोजनाओं के पैमाने, बजट और दर्शकों तक फिल्मों की पहुंच का है। इस अंतर के कारण बहुत सारी चीज़ें प्रभावित होती हैं। जब प्रोजेक्ट का बजट अधिक हो तो फिल्म में नयापन और कई विशेषताओं का उपयोग किया जाता है इसके लिए आपको बेहद सावधान होकर कदम उठाना पड़ता है। इसमें जोखिम भी अधिक होता है। जहां तक पहुंच का सवाल है, चूंकि आप एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंच रहे हैं, इसलिए आपके लेखन को और अधिक विस्तारित करना होगा, गुजरात में बैठे किसी व्यक्ति की भावनाएं अमृतसर में बैठे किसी व्यक्ति से भिन्न होंगी, आप सभी के लिए एक समान आधार कैसे ढूंढेंगे?इसलिए आपकी लेखन ऐसा होना चाहिए जो सम्पूर्ण भारतीय जनता की भावनाओं को समझे और चित्रित करें। गुजराती उद्योग अभी भी अपने प्रारंभिक चरण में है, हम अब विकास और अधिक व्यावसायिकता देख रहे हैं जबकि बॉलीवुड एक अधिक परिपक्व उद्योग है, यह लंबे समय से अस्तित्व में है।
आपका अगला गुजराती प्रोजेक्ट क्या है?
शरद पटेल : हम कुछ स्क्रिप्ट का मूल्यांकन कर रहे हैं लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। हालाँकि, अब हम एक बड़ी बॉलीवुड फिल्म के निर्माण में व्यस्त हैं।
निकट भविष्य में आप किस तरह की फिल्में बनाना चाहेंगे?
शरद पटेल : हम अलग अलग शैलियों की फिल्में लेकर आ रहे हैं जिनमें खेल, संगीत, रहस्य, रोमांच और पारिवारिक ड्रामा शामिल होगा। इसमें अलग अलग कलाकार और निर्देशक भी शामिल होंगे।
क्या कोई बॉलीवुड का ऐसा अभिनेता है जिसके साथ आप दोबारा काम करना चाहते हैं?
शरद पटेल : जी बिल्कुल, मैं माधवन के साथ काम करना चाहूंगा। अगर मैं ईमानदारी से कहूँ तो अभिनेताओं की लंबी सूची मेरे पास है, मगर मैं कुछ भी गड़बड़ी नहीं करना चाहता हूँ। लेकिन देखते हैं आगे क्या होगा!