भास्कर समाचार सेवा
इटावा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल के निर्देश पर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जनपद न्यायाधीश विनय कुमार द्विवेदी और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अपर जिला जज श्वेता श्रीवास्तव के संयोजन में महेवा ब्लाक के ग्राम नगला तिवारी ( निवरैया ) में वृद्धजनों के अधिकारों को बताने के लिए विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया
उपरोक्त शिविर में लोगों को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्राविधिक स्वयंसेवक अश्विनी त्रिपाठी ने कहा कि कोई भी संतान अपने वृद्ध माता-पिता को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रख सकती है 2007 में भारत सरकार ने संसद में वृद्धों के हित में एक प्रस्ताव पास किया था कि यदि संतान के द्वारा अपने वृद्ध माता पिता की सेवा और देखभाल नहीं की जाती है तो वृद्ध माता पिता अपनी संपत्ति से उन्हें बेदखल कर सकते हैं
श्री त्रिपाठी ने आगे बताया कि वृद्धों को यह भी अधिकार है कि वह अपनी संतान से धारा 125 के तहत भरण पोषण के अधिकारी भी हैं होते हैं
कोई भी व्यक्ति यदि अपने वृद्ध माता-पिता को घर से निकाल देता है और उनकी देखभाल भी नहीं करता है तो वह उनकी संपत्ति पाने का अधिकारी भी नहीं है
उपरोक्त शिविर में प्रमोद दुबे, सुनील तिवारी, हर गोविंद चौहान, राकेश तिवारी, सन्तू तिवारी,अजय दुबे, शिवानंद तिवारी, श्याम सिंह राजपूत, भारत सिंह राजपूत सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे
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