
- समर्थन में उतरी सपा, भाजपा पर साधा निशाना
आगरा। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 19 अप्रैल 2025 को आगरा में पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के आवास का दौरा किया। यह दौरा सुमन के राणा सांगा को लेकर दिए गए विवादित बयान और उनके घर पर हुए हमले के बाद हुआ। अखिलेश ने इस मौके पर सुमन का समर्थन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उनके बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है।
अखिलेश यादव का पूरा बयान –
अखिलेश यादव ने सुमन के घर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा: “रामजी लाल सुमन एक वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने दलित और पिछड़े वर्गों के लिए जीवन भर संघर्ष किया है। उनके ऊपर हमला सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि वह दलित हैं। यह हमला न केवल सुमन जी पर, बल्कि संविधान और दलित समाज की आवाज पर हमला है। भाजपा की साजिश है कि वह समाज को जातियों में बांटकर अपनी सत्ता बचाए। लेकिन हमारी पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति इस साजिश को कामयाब नहीं होने देगी।
राणा सांगा पर सुमन जी ने जो कहा, वह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित था। हम राणा सांगा के शौर्य और बलिदान का सम्मान करते हैं, लेकिन इतिहास पर चर्चा को दबाया नहीं जा सकता। भाजपा इतिहास को तोड़-मरोड़कर समाज को बांटना चाहती है। सुमन जी के बयान को गलत तरीके से पेश करके राजपूत समाज को भड़काने की कोशिश की गई। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या सच्चाई बोलना अपराध है?
इस हमले के पीछे भाजपा का हाथ है। यह सुनियोजित साजिश थी, जिसमें करणी सेना को मोहरा बनाया गया। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस हमले के लिए जिम्मेदार हैं। अगर सुमन जी को कुछ होता है, तो इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना होगा।
हमारी पार्टी संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज के साथ समाजवादी पार्टी खड़ी है। हम इस हमले के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे। यह सिर्फ सुमन जी का अपमान नहीं, बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान है। भाजपा की सत्ता अब ज्यादा दिन नहीं चलेगी, क्योंकि जनता उनके झूठ और साजिश को समझ चुकी है।
मैं राजपूत समाज से अपील करता हूं कि वे भाजपा के बहकावे में न आएं। सपा सभी जातियों और समुदायों का सम्मान करती है। हमारा उद्देश्य समाज को जोड़ना है, न कि तोड़ना। हमारी सरकार बनने पर हर वर्ग को सम्मान और सुरक्षा दी जाएगी।”
बयान का संदर्भ –
रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च 2025 को राज्यसभा में राणा सांगा को “गद्दार” बताते हुए कहा था कि उन्होंने बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए भारत बुलाया। इस बयान से राजपूत समुदाय और करणी सेना में आक्रोश फैल गया। 26 मार्च को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सुमन के आगरा स्थित घर पर हमला कर तोड़फोड़ की थी। सपा ने इसे दलित सांसद पर हमला बताकर सियासी मुद्दा बना लिया। अखिलेश का यह बयान सपा की पीडीए रणनीति को मजबूत करने और दलित वोटों को एकजुट करने की कोशिश का हिस्सा माना जा रहा है।
सियासी माहौल और प्रतिक्रिया –
अखिलेश के इस बयान ने उत्तर प्रदेश की सियासत को और गरमा दिया है। सपा कार्यकर्ताओं ने उनके बयान का स्वागत किया और सुमन के समर्थन में सोशल मीडिया पर अभियान शुरू किया। वहीं, भाजपा ने इसे सपा की तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया। भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “अखिलेश यादव राजपूत समाज का अपमान कर रहे हैं। सुमन का बयान ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ने का प्रयास था। हिंसा गलत है, लेकिन सपा इसे सियासी रंग देकर समाज को बांटना चाहती है।”
सुरक्षा और प्रदर्शन –
अखिलेश के दौरे के दौरान सुमन के घर के बाहर सपा समर्थकों की भारी भीड़ जमा हुई, जिसे नियंत्रित करने के लिए आगरा पुलिस ने भारी बल तैनात किया। सपा ने ईद के बाद पूरे प्रदेश में प्रदर्शन की योजना बनाई है, जिसमें इस हमले को दलित और पिछड़े वर्गों पर अत्याचार के रूप में पेश किया जाएगा। यह विवाद 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा और भाजपा के बीच जातिगत समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।