
- भाजपा पर बोला तीखा हमला संविधान विरोधी पार्टी: शिवचरन कश्यप
- संविधान जलाने वालों को खुली छूट’ – शमीम खाँ सुल्तानी
बरेली। डॉ.भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एक नई राजनीतिक चेतना की लहर उठी। आँवला सांसद नीरज मौर्या का स्पष्ट और दो टूक बयान—”बाबा साहब का अधूरा मिशन अब अखिलेश यादव पूरा कर रहे हैं”—ने न केवल बीजेपी के खोखले दावों की पोल खोली, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि संविधान की रक्षा की असली जंग अब पी.डी.ए के नेतृत्व में ही लड़ी जाएगी।
इस भव्य आयोजन की अध्यक्षता सपा जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप ने की, जहाँ बाबा साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मगर यह आयोजन केवल पुष्प अर्पण तक सीमित नहीं था—यह एक सियासी हुंकार थी, एक एलान था उस संघर्ष का जो आने वाले 27 के विधानसभा चुनाव में संविधान बचाओ और अधिकारों को वापस हासिल करने के एजेंडे के तहत लड़ा जाएगा।
सांसद नीरज मौर्या ने साफ कहा कि “बाबा साहब ने जो संविधान सभी के लिए समानता का प्रतीक बनाया, उसे आज की सरकार मिटाने पर तुली है।” उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने छुआछूत, जातिवाद, भेदभाव, और सामाजिक शोषण के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया, लेकिन आज उन्हीं मूल्यों को खत्म करने की साजिशें रची जा रही हैं।

नीरज मौर्या ने तीखे लहजे में कहा कि, “भाजपा को बाबा साहब के विचारों से परहेज है। वे आरक्षण खत्म करने की साजिश में जुटे हैं, संविधान की आत्मा को कुचलने की तैयारी कर चुके हैं। पर अब समय आ गया है जब बाबा साहब के अनुयायी जागें और 27 में पी.डी.ए को सत्ता में लाकर उनका सपना पूरा करें।”
सपा जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “बाबा साहब ने जो हमें संविधान रूपी अस्त्र दिया, उसे भाजपा और साम्प्रदायिक ताकतें नष्ट करना चाहती हैं। लेकिन जब तक अखिलेश यादव जैसा नेतृत्व हमारे साथ है, हम संविधान पर आंच नहीं आने देंगे।”
उन्होंने कहा, “आज जो लोग बाबा साहब की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर रहे हैं, वही लोग उनके विचारों को मिटा रहे हैं। इनकी दोहरी नीति को जनता अब पहचान चुकी है।”
महानगर अध्यक्ष शमीम खाँ सुल्तानी ने कहा कि आज सत्ता के संरक्षण में संविधान को खुलेआम रौंदा जा रहा है। उन्होंने कड़ा आरोप लगाते हुए कहा, “जो लोग संविधान बचाने की बात करते हैं, उन्हें धमकियाँ दी जा रही हैं। खुद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी दी जा रही है और प्रशासन मूक दर्शक बना बैठा है। यह लोकतंत्र के लिए सबसे खतरनाक स्थिति है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहब ने जिन कुरीतियों के खिलाफ मोर्चा लिया, वे आज फिर सिर उठा रही हैं और उनका मुकाबला करने के लिए एक संगठित जन आंदोलन की जरूरत है, जो पी.डी.ए. के रूप में तैयार हो रहा है।