अलीगढ़ : इस बार आसान नहीं है भाजपा की राह 

बसपा के खाते मे सीट जाने से गरमाई राजनीति
बसपा दे सकती है नोएडा के एक बिलडर को टिकट
कागेस और गठबंधन उम्मीदवार  पर रहेगी मुस्लिम वोटर की नजर

राजीव शर्मा
अलीगढ़।  लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बसपा की सीटें तय होने के बाद राजनीति गरमा गई है। गठबंधन में सीट बसपा के लिए  तय है।  बसपा में सीट जाने से पार्टी के उम्मीदवार नोएडा के बताए जाते हैं । हालांकि इस बार भाजपा को यह सीट को जीतना आसान नहीं होगा
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में यह सीट भाजपा ने जीती थी । उस समय बसपा के प्रत्याशी अरविंद सिंह दूसरे स्थान पर रहे । समाजवादी पार्टी से जफर आलम तीसरे स्थान पर और कांग्रेस से बृजेंद्र सिंह चौथे स्थान पर रहे  । 2014 के लोकसभा चुनाव में 1064357 मतदाताओं ने वोट डाले इसमें भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम ने 514622 मत पाकर विजय हासिल की । दूसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी अरविंद सिंह ने 227886 वोट पाए तीसरे स्थान पर सपा प्रत्याशी जफर आलम ने 226284 और कांग्रेस प्रत्याशी विजेंद्र सिंह ने 62674 वोट पाकर चौथे स्थान प्राप्त किया । भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम ने 286736 वोटों से विजय प्राप्त की अब 2019 के प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बसपा का गठबंधन हुआ है और यह सीट बसपा के कोटे में गई है ।
बताया जाता है कि बसपा यहां से पार्टी उम्मीदवार नोएडा के बिल्डर अजीत बालियान को दे सकती है। इस बार समाजवादी पार्टी और बसपा का गठबंधन हो गया है इसलिए यह दोनों वोट भाजपा प्रत्याशी को भारी भी पढ़ सकते हैं हालांकि कांग्रेस ने भी प्रत्याशी तय नहीं किया है । इस अलीगढ़ लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता कांग्रेसी और समाजवादी और बसपा गठबंधन प्रत्याशी मैं किसी एक को जाएंगे ।
इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 4:30 लाख बताई जाती है । इसके अलावा बसपा का परंपरागत वोट बैंक अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा अतरौली बरौली और इगलास में एक लाख से सवा लाख तक है सपा का परंपरागत वोट बैंक भी अतरौली विधान सभा में करीब 40 हजार है मुस्लिम मतदाता को छोड़कर सपा और बसपा का परंपरागत वोट बैंक 200000 से अधिक बैठता है मुस्लिम मतदाता भाजपा रानी के लिए बसपा या कांग्रेस प्रत्याशी को जा सकता है इसलिए 2019 के प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए इस सीट को जीतना आसान नहीं होगा