वीएचएसएनडी सत्र पर अनुमन्य सभी सुविधाएं करायी जाय उपलब्ध सत्रों का नोडल अधिकारी नियमित रूप से करें निरीक्षण
बहराइच । जिलाधिकारी डॉ दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पोषण समिति/कन्वर्जेन्स समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ एस.के. सिंह मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एम.एम. एम. त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी जी.डी. यादव सहित गोद लिए गये गावों के नोडल अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
बैठक के दौरान डीपीओ ने बताया कि शासन द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रो को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया है। कुपोषण की अधिकता वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को चिन्हित कर माननीय जन प्रतिनिधियों एंव जनपद स्तरीय अधिकारियो द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रो को गोद लेकर आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जाये। साथ ही बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहार विभाग एंव अन्य विभागो की संचालित योजनाओं के कन्वर्जेन्स से समेकित प्रयास करते हुए आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र विकसित किये जाये। आंगनबाड़ी केन्द्रो को गोद लेने वाले जनप्रतिनिधियों व अधिकारियो द्वारा अपने नेतृत्व व देखरेख में पोषण विषयक, स्कूल पूर्व शिक्षा, आधारभूत सुविधाओ व अन्य अनुमन्य मानको की पूर्ति कराते हुए आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र विकसित किये जाये।
जिलाधिकारी द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी व बाल विकास परियोजना अधिकारीयों को निर्देश दिये गये कि लाभार्थियों को नियमानुसार ड्राई राशन का वितरण किया जाय। डीएम द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका के स्थापना में आ रही समस्याओं का निराकरण कराते हुए जगह की उपलब्धता के अनुसार सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पोषण वाटिका की स्थापना की जाय। जिला पोषण पुनर्वास केन्द्र, मुख्यमंत्री सुपोषण घर-पोषण व पुनर्वास केन्द्र में आरक्षित बेड के सापेक्ष प्रतिदिन सैम बच्चो की भर्ती सुनिश्चित कराये तथा शत प्रतिशत बच्चों का फालोअप कराये। बीएचएसएनडी सत्रों को मानक के अनुरूप आयोजित किया जाय। सत्रों पर मानक के अनुरूप सभी लाजिस्टिक की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाय और गोद लिए गये गावों से सम्बन्धित नोडल अधिकारी अनिवार्य रूप से बीएचएसएनडी सत्रों का निरीक्षण कर आख्या उपलब्ध कराये।