मसरूर खान/शावेज़ नक़वी
इटावा। उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा शहर में मोहल्ला शिवनगर अड्डा चाले में 60 वर्षीय अमर सिंह शाक्य गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल है क्योंकि जहां लोग हिंदू मुस्लिम के नाम पर भेदभाव करते हैं और धर्म के नाम पर लड़ते झगड़ते हैं वहां ऐसे लोग भी हैं जो हिंदू मुस्लिम धर्म दोनों में आस्था रखते हैं। अमर सिंह साथ हिंदू धर्म से हैं और पिछड़ी जाति के समाज से संबंध रखते हैं हिंदू समाज की सभी रीति रिवाज को मानने वाले और हिंदू समाज के तीज त्यौहार मनाते हैं पूजा पाठ करते हैं इसके साथ-साथ अमर सिंह साथ मुस्लिम धर्म में भी आस्था रखते हैं जिसके चलते रमजान के पाक महीने में पूरे महीने रोजा रखते हैं अमर सिंह शाक्य एक चाय की दुकान चलाते हैं और रमजान के माह में साफ सफाई को ध्यान में रखते हुए पूरे महीना अपनी चाय की दुकान बंद रखते हैं। अमर सिंह शाक्य ने बताया कि हम परिवार में कुल 5 लोग हैं मैं मेरी पत्नी मेरा बेटा और बहू और एक नाती है उन्होंने बताया कि हम लोग कन्नौज जनपद के छिबरामऊ के पास देवल गांव के निवासी हैं वहीं पर एक मजार थी जिसकी देखभाल हमारे पुरखे करते थे तभी से मैं मजार वाले बाबा की सेवा करने लगा था। इसके बाद समय बीतता गया और हमारे दिन बदल गए हम लोग गांव छोड़कर इटावा शहर में सन 1987 में सूत मिल में नौकरी करने लगा था यहां पर भी कालू खां बाबा की याद में घर में मजार बनवा ली थी तभी से रमजान महीने में पूरे रोजे रखते आ रहे हैं। अमर सिंह का मानना है रमजान के महीने में रोजा रखने से उन्हें बड़ा सुकून मिलता है। रोजे रखने के बाद ईद पर भंडारा कराते हैं नमाज अदा नहीं करते लेकिन हिंदी की कुरान पढ़ते हैं और प्रतिदिन घर पर मजार की सेवा करते हैं। कालू खां बाबा की आरती करते हैं उनकी पूजा करते हैं और इकदिल के पास एक आश्रम बनवाया है जहां पर सैकड़ों लोग आते हैं और बाबा की सेवा करते हैं।