वैभव शर्मा
गाजियाबाद। महानगर के किसानों और बागान मालिकों के लिए एक बड़ी खबर है। नगर निगम द्वारा दिल्ली मेरठ रोड गांव नूर नगर सिहानी स्थित गार्बेज फैक्ट्री में जैविक खाद का उत्पादन शुरू हो गया है। यह जैविक खाद घरों की रसोई से निकलने वाले गीले कूड़े से बनाया जा रहा है। यानी यह जैविक खाद पूर्ण रूप से केमिकल रहित होगा और खाद के प्रयोग से केमिकल रहित साग सब्जी और फल लोगों को उपलब्ध होंगे। गाजियाबाद नगर निगम के आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने आज इस गार्बेज फैक्ट्री का निरीक्षण किया और यहाँ से उत्पादित हो रही खाद की गुणवत्ता की परख के लिए उद्यान प्रभारी डॉ अनुज कुमार सिंह को जिम्मेदारी सोपी है। माना जा रहा है कि इंदौर के बाद उत्तरप्रदेश की यह पहली गार्बेज फैक्ट्री है जहाँ रसोई घर से निकलने वाले गीले कूड़े से जैविक खाद बनाया जा रहा है। आपको बता दे कि गाजियाबाद नगर निगम के आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के दिमाग में गार्बेज फैक्ट्री लगाने का आईडिया सबसे पहले आया था। गाजियाबाद में कूड़े को डंप करने की सबसे बड़ी समस्या है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए गार्बेज फैक्ट्री स्थापित की गई। इस गार्बेज फैक्ट्री से अब शहर से निकलने वाले गीले और सूखे कूड़े से विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किये जा रहे है। जहाँ प्लास्टिक कचरे से फर्नीचर आदि का निर्माण हो रहा है वही गीले कूड़े से जैविक खाद का उत्पाद हो रहा है। खास बात यह है कि इस गार्बेज फैक्ट्री के स्थापित होने से लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है। इसी क्रम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथिलेश कुमार सिंह ने बताया कि शहर को कूड़ा मुक्त करने के लिए गार्बेज फैक्ट्री में कूड़ा लाया जाता है। कूड़े से जैविक खाद बनाई जाती है। खाद को किसानों और निगम की नर्सरीओ तक पहुंचाया जाएगा। जैविक खाद के इस्तेमाल से नर्सरी में लगे पौधे हरे भरे दिखाई देंगे। विजयनगर के क्रॉसिंग में भी गार्बेज फैक्ट्री लगाने की योजना बनाई जा रही है।