अम्बेडकरनगर: पराली प्रबंधन हेतु उपलब्ध तकनीकी और कृषि यंत्रों का प्रयोग करे हर किसान – एमएलसी

दैनिक भास्कर ब्यूरो

अम्बेडकरनगर। प्रमोशन ऑफ़ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ़ क्रॉप रेजिड़ु योजना अन्तर्गत जनपद स्तरीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में विधान परिषद सदस्य हरि ओम पाण्डेय मुख्य अथिति रहे। गोष्ठी का आयोजन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में किया गया। उप क़ृषि निदेशक ने कृषकों को योजना के प्राविधानों से अवगत कराते हुये बताया कि योजना अन्तर्गत जिन किसानों ने यन्त्रों हेतु टोकन जनरेट किया है और उनका टोकन कन्फर्म होकर कर टोकन मनी जमा कर दिया है वो यथाविधि ससमय अधिकृत कंपनियों का यन्त्र निर्धारित समय सीमा के भीतर क्रय कर बिल क़ृषि विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दें।

गौशालायों में 02 ट्राली पराली देने पर मिल सकेगी एक ट्राली गोबर खाद

जिससे उनके यन्त्रों का शीघ्रता से सत्यापन किया जा सके। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि किसान भाई अपने खेत में पराली या फसल अवशेष ना जलाएं बल्कि उसको सड़ा कर खाद बना लें। किसानों को अवगत कराया गया कि पराली जलाने की घटना पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण का ₹2500 से लेकर ₹15000 तक पर्यावरण कम्पेन्सेसन वसूली हेतु निर्देश हैं। किसान भाई सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम या अन्य फसल अवशेष प्रबंधन यन्त्र लगे कंबाइन हार्वेस्टर से ही अपने धान के फसल की कटाई करायें, जिनके बगैर संचालन होने पर हार्वेस्टर मशीन सीज कर दिया जायेगा। क़ृषि विभाग शीघ्र ही किसान भाइयों को 20700 बोतल निःशुल्क वितरण करेगा।

जिलाधिकारी द्वारा किसानों से पराली ना जलाने हेतु अपील की गयी एवं इससे होने वाले नुकसान के सम्बन्ध में बताया गया। उनके द्वारा किसान भाइयों से आग्रह किया गया कि वे अपने खेत की पराली सड़ाकर खाद के रूप में खेत में मिला दें अथवा पराली दो खाद लो कार्यक्रम के तहत पराली गौशालायों में 02 ट्राली पराली देकर एक ट्राली गोबर खाद प्राप्त कर लें।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य हरि ओम पाण्डेय द्वारा देश को खाद्य सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने हेतु किसान भाइयों का आभार व्यक्त किया गया। उनके द्वारा भी किसान भाइयों से आग्रह किया गया कि पराली प्रबंधन हेतु उपलब्ध तकनीकी एवं कृषि यंत्रों का प्रयोग करते हुए पराली का सर्वोत्तम उपयोग अपने फायदे के लिये करें। विभागीय अधिकारियों को उनके द्वारा निर्देशित किया गया कि अपने विभाग की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक किसानों को पहुँचाना और उनकी समस्याओं का संवेदनशीलता के साथ त्वरित निस्तारण करना सुनिश्चित करें।कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन के साथ साथ संरक्षित खेती के महत्व के विषय में बताया गया। इस दौरान माननीय विधान परिषद सदस्य तथा जिलाधिकारी द्वारा 08 किसानों को सरसों का निशुल्क मिनी किट भी वितरित किया गया।  

कृषि एवं कृषि के संबद्ध विभागों उद्यान, मत्स्य, पशुपालन, गन्ना, अग्रणी जिला प्रबंधक कार्यालय बाल बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग एवं महामाया राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा स्टॉल एवं कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई जिसका अवलोकन माननीय विधान परिषद सदस्य तथा जिलाधिकारी महोदय द्वारा किया गया।कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी, उपायुक्त मनरेगा, परियोजना निदेशक डीआरडीए, उपायुक्त एनआरएलएम,अग्रणी जिला प्रबंधक, सहायक निबंधक एवं सहायक आयुक्त सहकारिता एवं सहायक निदेशक मत्स्य तथा जिला सूचना अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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