हंगामे और नारेबाजी के बीच VB–G Ram G बिल संसद से पास, लोकसभा–राज्यसभा की मंजूरी…

विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल यानी VB–G Ram G लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया। कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने गुरुवार को दोनों सदनों में विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान विपक्ष ने बिल के विरोध में जमकर नारेबाजी की। विपक्षी सांसद वेल में पहुंच गए और कागज फेंके। हंगामे के बीच बिल ध्वनि मत से पास हो गया।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मनरेगा का नाम पहले महात्मा गांधी के नाम पर नहीं रखा गया। वो तो पहले नरेगा थी। बाद में जब 2009 के चुनाव आए तब चुनाव और वोट के कारण महात्मा गांधी याद आए। इसके बाद उसमें जोड़ा गया महात्मा गांधी।

इससे पहले विपक्ष ने इस बिल के विरोध में संसद परिसर में मार्च निकाला। इसमें विपक्ष के 50 से ज्यादा सांसदों ने हिस्सा लिया और VB-G-RAM-G बिल वापस लेने के नारे लगाए।

गुरुवार को राज्यसभा में करीब रात 12 बजे तक VB-G-RAM-G बिल पर तक चर्चा चली। लोकसभा में बुधवार को 14 घंटे चर्चा हुई थी। बिल राज्यसभा से 12:30 बजे पास हो गया। यह 20 साल पुराने MGNREG एक्ट की जगह लेगा।

इसके पहले राज्यसभा में सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (SHANTI) बिल पास कर दिया गया।

संसद में बुधवार की कार्रवाई की बड़ी बातें…

  • 5 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में एक भी स्टूडेंट नहीं- देशभर में 10.13 लाख सरकारी स्कूलों में से 5,149 में एक भी छात्र नहीं है। 2024-25 शैक्षणिक सत्र में जीरो नामांकन वाले इन स्कूलों में से 70% से ज्यादा तेलंगाना व पश्चिम बंगाल में हैं। यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय ने संसद में दी है। शून्य या 10 से कम छात्रों वाले स्कूलों की संख्या में बीते दो साल में 24% की बढ़ोतरी हुई है।
  • 43 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की पहुंच देशभर में बंद- केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में बताया कि 43 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की पहुंच को ब्लॉक कर दिया गया है। यह कार्रवाई उन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ की गई है, जो कानून द्वारा प्रतिबंधित कंटेंट प्रसारित कर रहे थे।

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विपक्ष ने संसद के बाहर मनरेगा का नाम बदले जाने पर प्रदर्शन किया

खड़गे बोले- लोग सड़कों पर उतरेंगे, गोलियों खाएंगे, लेकिन इस कानून का समर्थन नहीं करेंगे

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा एक इंसान, एक मंत्री, जो गरीबों के प्रति दया दिखाता है, वही अब मनरेगा खत्म कर रहा है। कोई मजबूरी है जो आप दूसरों को नहीं बता रहे हैं। आने वाले दिनों में एक ऐसा समय आएगा जब आप इस कानून को भी वैसे ही वापस लेंगे जैसे तीन कृषि कानून वापस लिए थे। क्या आप ऐसा आंदोलन चाहते हैं जिसमें लोग सड़कें जाम करें, विरोध करें, गोलियां खाएं और मर जाएं? तभी आप कानून वापस लेंगे? लोग सड़कों पर उतरेंगे, गोलियों का सामना करेंगे, लेकिन इस कानून का कभी समर्थन नहीं करेंगे।

सरकार ने कहा- रूसी सेना में काम करने वाले 26 भारतीयों की मौत

भारत सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि रूसी सेना में काम करने वाले 26 भारतीयों की मौत हो गई है और 7 लापता हैं। राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि 50 भारतीयों की जल्द छुट्टी के लिए प्रयास चल रहे हैं।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि 10 मृत भारतीयों के शव भारत वापस लाए गए हैं और दो का स्थानीय स्तर पर अंतिम संस्कार किया गया है। 18 लापता या मृत भारतीयों के परिवारों के DNA सैंपल रूसी अधिकारियों को दिए गए हैं ताकि उनकी पहचान की जा सके।

प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- बिल गरीब, किसान, मजदूर और रोजगार विरोधी

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा में कहा कि ये बिल गरीब, किसान, मजदूर और रोजगार विरोधी है। इस बिल से राज्यों पर अतिरिक्त भार बढ़ेगा। इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजना चाहिए।

उन्होंने भगवान राम का नाम बदनाम न करो और अपने पाप और दुष्कर्म भगवान राम के नाम पर न करें। भगवान श्री राम का नाम लेकर और अटल जी और महात्मा गांधी ने जिस राम राज्य की कल्पना की थी क्या वो राज्य गरीब विरोधी हो सकता है।

राज्यसभा में परमाणु ऊर्जा से जुड़ा SHANTI बिल पास

राज्यसभा में गुरुवार को सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (SHANTI) बिल ध्वनिमत से पास कर दिया गया।

परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह बोले- एक साल तक बातचीत के बाद बिल लाए हैं

राज्यसभा में शांति विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, इस बिल पर एक साल से अधिक समय तक विचार-विमर्श करने के बाद हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं। टेक्नोलॉजी में बदलाव आया है। अब हम छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों की ओर बढ़ रहे हैं। अब ऐसे रिएक्टर होंगे जो घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बिजली देंगे। यह बिल इसलिए लाया जा रहा है क्योंकि सेनारियो बदल गया है। भारत के परमाणु संयंत्र भूकंपीय इलाकों से बहुत दूर स्थित हैं, इसलिए हमें इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।

 

 

 

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