
विभिन्न विषयों के 1,730 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं
58 पीएच.डी. उपाधियाँ प्रदान की गईं
विशिष्ट व्यक्तियों को मानद प्रोफेसरशिप एवं डॉक्टरेट की उपाधि
लखनऊ: एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश, लखनऊ कैंपस ने मंगलवार, 09 दिसंबर 2025 को अपना 21वां दीक्षांत एवं उपाधि वितरण समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर स्नातक, स्नातकोत्तर एवं डॉक्टरेट पाठ्यक्रमों के अंतर्गत कुल 1,730 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं।
इस अवसर पर 58 पीएच.डी. उपाधियों सहित कुल 127 शैक्षणिक पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें 33 स्वर्ण, 33 रजत एवं 19 कांस्य पदक शामिल रहे। इसके अतिरिक्त आठ “बेस्ट ऑल-राउंड स्टूडेंट” ट्रॉफी तथा मानवीय एवं पारंपरिक मूल्यों में उत्कृष्टता के लिए 34 श्री बलजीत शास्त्री पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
वर्ष 2004 में स्थापित एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस आज शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। विश्वविद्यालय के 17 विभागों में 112 शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं तथा वर्तमान में यहां 7,000 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
विश्वविद्यालय के विशिष्ट अनुसंधान केंद्र नैनो टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि एवं फॉरेंसिक साइंसेज़ जैसे उभरते क्षेत्रों में उच्च स्तरीय अनुसंधान के साथ सक्रिय हैं।
समारोह के दौरान पद्मश्री डॉ. सोनिया नित्यानंद, कुलपति, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) तथा डॉ. भास्कर नारायण, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। वहीं एचसीएल टेक्नोलॉजीज, लखनऊ के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एवं सेंटर हेड श्री ऋषि कुमार को मानद प्रोफेसरशिप से सम्मानित किया गया।
एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश, लखनऊ कैंपस के चेयरमैन डॉ. असीम चौहान तथा प्रति-कुलपति प्रो. (डॉ.) अनिल वशिष्ठ ने दीक्षांत एवं डिग्री वितरण समारोह के शैक्षणिक जुलूस का नेतृत्व किया। समारोह में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्षों की सहभागिता रही।
विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रो. (डॉ.) अनिल वशिष्ठ ने एमिटी की सशक्त अनुसंधान आधारित शिक्षण प्रणाली पर प्रकाश डाला और कहा कि विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने विद्यार्थियों से ईमानदारी, संस्थागत मूल्यों तथा नैतिकता को अपनाने का आह्वान किया।
स्नातकों को संबोधित करते हुए चेयरमैन डॉ. असीम चौहान ने कहा कि एमिटी यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों को हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए तैयार करती है। उन्होंने परिवार और शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने तथा मानवीय मूल्यों को जीवन में अपनाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक के. चौहान के मार्गदर्शक मंत्र “भाग (बीएचएजी) – बिहेवियरल साइंस, ह्यूमन वैल्यूज़, एटीट्यूड, एम्बिशन एंड गोल” को जीवन में स्थायी सफलता का सूत्र बताया।
मानद डॉक्टरेट प्राप्त करने पर पद्मश्री डॉ. सोनिया नित्यानंद ने इसे एक व्यक्तिगत सम्मान बताते हुए कहा कि उनके पिता पद्मश्री डॉ. नित्यानंद एवं एमिटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक के. चौहान के बीच लंबे समय से संबंध रहे हैं। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में केजीएमयू और एमिटी विश्वविद्यालय के बीच सहयोग की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।
एमिटी साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं एमिटी डायरेक्टरेट ऑफ साइंस एंड इनोवेशन के महानिदेशक डॉ. डब्ल्यू. सेल्वमूर्ति ने कहा कि जीवन में कोई भी कार्य केवल आजीविका के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की भावना से करना चाहिए।
डॉ. भास्कर नारायण ने विद्यार्थियों को सदैव आशावादी बने रहने की प्रेरणा देते हुए कहा कि हर चुनौती का समाधान हमारे भीतर ही निहित होता है। वहीं श्री ऋषि कुमार ने स्नातकों से अपने परिवार का सम्मान करने, उन्हें अपनी सबसे बड़ी ताकत मानने और समाज को कुछ लौटाने का आग्रह किया।
एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस का यह दीक्षांत समारोह एक उल्लासपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ, जो न केवल स्नातक विद्यार्थियों बल्कि उनके परिवारजनों, शिक्षकों एवं सम्पूर्ण विश्वविद्यालय समुदाय के लिए गर्व का क्षण बना।











