नई दिल्ली: पंजाब के अमृतसर में दशहरा के मौके पर हुए बेहद दर्दनाक हादसे में 60 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। ये हादसा तब हुआ, जब सैकड़ों लोग रावण दहन के लिए जोड़ा फाटक इलाके में रेलवे ट्रैक के पास एकत्र हुए थे। जालंधर से अमृतसर जा रही ट्रेन तेज रफ्तार से आई और सैकड़ों लोगों को अपनी चपेट में लेते हुए गुजर गई। ट्रेन को वहां से गुजरने में महज 10 से 15 सेकेंड लगे। इसके बाद वहां हाहाकार मच गया।
हादसे के बाद हर कोई दुखी है। मातम पसरा हुआ है। ऐसे में सवाल ये ही है कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई और इसके लिए आखिर जिम्मेदार है कौन? रेलवे ने हाथ खड़ा करते हुए कहा कि उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई।
वहीं इतनी भीड़ होने के बावजूद रेल चालक द्वारा गाड़ी नहीं रोके जाने को लेकर सवाल उठने पर अधिकारी ने कहा, ‘वहां काफी धुआं था जिसकी वजह से चालक कुछ भी देखने में असमर्थ था और गाड़ी घुमाव पर भी थी।’
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ‘कांग्रेस ने बिना अनुमति के यहां दशहरा समारोह आयोजित किया। समारोह में नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी मुख्य अतिथि थीं और उन्होंने भाषण देना जारी रखा, जबकि लोग ट्रेन के नीचे आकर मर रहे थे।’ कुछ लोगों का कहना है कि वो हादसे के बाद वहां से कार से निकल गईं।
#WATCH Eyewitness at #Amritsar accident site says, "Congress had organised Dussehra celebrations here without permission. Navjot Singh Sidhu's wife was the chief guest at the celebrations and she continued to give a speech as people were struck down by the train." pic.twitter.com/rcsxbVxiB9
— ANI (@ANI) October 19, 2018
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष, अश्विनी लोहानी ने कहा,
‘यह कहना गलत होगा कि इस दुर्घटना के लिए रेलवे जिम्मेदार है। उस ट्रैक पर दो क्रॉसिंग हैं, दोनों बंद थीं। यह मैन लाइन है। वहां कोई गति प्रतिबंध नहीं है।’ उन्होंने कहा कि मुख्य लाइन के पास दशहरा उत्सव के बारे में रेलवे प्रशासन को सूचित नहीं किया गया था। लोग रेलवे ट्रैक से दशहरा समारोह देख रहे थे। लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, उन्हें रेलवे ट्रैक पर अतिक्रमण नहीं करना चाहिए।
अमृतसर में हुए रेल हादसे बोले रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा
अमृतसर में हुए रेल हादसे के बाद रेल रात रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। रेल प्रशासन राहत कार्य में हरसंभव सहयोग प्रदान कर रहा है। यह समय राजनीति करने का नहीं है। प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि घायलों को अच्छी से अच्छी चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए। रेलवे अधिकारियों को इस दशहरा उत्सव की कोई जानकारी नहीं थी।