भास्कर समाचार सेवा
दिल्ली। सदियों से अंग्रेजों ने स्वस्थ भारतीयों को कमजोर करने के लिए व्यसनों को घर घर पहुंचाने के लिए एक अभियान चलाया हमारी योग और संस्कृति से दूर करने के लिए यह लोग सदियों से कार्य कर रहे हैं और यह लोग सफल भी हो गए आज हर घर में बीमारी और व्यसन पहुंच चुका है हमारे खानपान की पद्धति पूर्ण रूप से बदल चुकी है हमारा बोलने चलने का तरीका हमारे संस्कार पूर्ण रूप से विदेशी हो गए हैं हम प्राकृतिक आहार प्राकृतिक चिकित्सा और योग से संपूर्ण रूप से दूर हो गए हैं जिसके कारण हम रोज नए नए बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और हॉस्पिटल खुलने पर खुश हो रहे हैं पहले बीमारी नहीं थी तो हॉस्पिटल भी नहीं थे पहल आश्रम के योग होता था प्राणायाम होता था हवन होते थे वातावरण शुद्धि के लिए परंतु इन्होंने सदियों के मिशन से हर घर में व्यसन और बीमारी पहुंचाई है हमारी संस्कृति से हमें दूर कर दिया हमें कमजोर किया है तो हमने भी स्वस्थ भारत और व्यसन मुक्त भारत योगमय भारत के लिए और अपनी संस्कृति अपने शिष्टाचार को पुनः स्थापित करने के लिए मिशन आरंभ कर दिया है अंधकार से रोशनी की नई खोज व्यसन से स्वस्थ भारत का मिशन पाश्चात्य संस्कृति छोड़कर हमारे संस्कारों हमारे शास्त्रों को अपनाने का मिशन यह मिशन आप सबके साथ में रहने से ही संभव हो सकता है क्योंकि हम सबको मिलकर पहले अपने घर को स्वस्थ करना है और उसके बाद अपने आसपास के घरों को स्वस्थ करना है सदियों से भारत के संस्कार को मिटाने के मिशन को हम कुछ ही वर्षों में स्वस्थ भारत के मिशन में बदल सकते हैं इसमें आप सभी का योगदान सर्वोपरि हैं तो आज ही जुड़िए हमारे साथ और एक नए भारत संस्कृति संस्कार और मजबूत भारत के निर्माण में सहभागी बनो विश्व योग गुरु डॉ अनिल जैन।