नियमित टीकाकरण में तेजी लायें एएनएम

एएनएम की पुनः अभिमुखीकरण कार्यशाला संपन्न
भास्कर समाचार सेवा
सीएमओ कार्यालय के सभागार में एएनएम का पुनः अभिमुखीकरण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में टीकाकरण को और सुदृढ़ीकरण करने तथा टीकाकरण की मांग को बढ़ाने पर जोर दिया गया| एएनएम को बताया गया कि वह उन स्थानों का चयन करें जहां लोगों की सहभागिता ज्यादा हो, वहां बैठकों का आयोजन कर टीकाकरण के प्रति जन जागरूकता बढ़ाएं।
सीएमओ डॉ नरेंद्र सिंह ने कहा कि यदि बच्चा समय से टीकों से प्रतिरक्षित है तो उसे टिटनेस, हेपेटाइटिस-बी, निमोनिया तथा खसरा- रूबेला सहित ग्यारह विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सकता है। कार्यशाला के माध्यम से एएनएम को संबंधित जानकारी विस्तार से दी गई ताकि टीकाकरण से कोई वंचित न रह सके।
डीआईओ डॉ के के वर्मा ने बताया कि बच्चों व गर्भवती महिलाओं के नियमित टीकाकरण में एएनएम की सक्रिय भूमिका होती है| वह आशा कार्यकर्ता के माध्यम से लोगों को मोबिलाइज करके टीकाकरण करती हैं| अब वह सिर्फ़ टीकाकरण नहीं बल्कि टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए उसकी मांग को बढ़ाने पर भी फ़ोकस करें।
उन्होंने कहा कि जन्म से लेकर 5 साल तक बच्चों का टीकाकरण कराया जाता है इसलिए टीकाकरण के समय के बारे में सभी को जानकारी होना बेहद जरूरी है।
कार्यशाला में यूनिसेफ के डीएमसी अनिल शुक्ला ने बताया कि एएनएम को समझाया गया है कि टीकाकरण किसी भी हालत में छूटना नहीं चाहिए। बच्चों को कौन सा टीका कब लगाया जाना है इसके लिए टीकाकरण कार्ड में ब्यौरा दर्ज होता है, इसके बारें में वह सभी लाभार्थी को अच्छे से बताएं| उन्होंने बताया कार्यशाला में 40 एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया है और आगे भी प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रहेंगे।
पीएचसी कौशल्या नगर में तैनात एएनएम शिल्पी यादव ने बताया कि कार्यशाला के तहत 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का तथा गर्भवती के टीकाकरण सत्र बढ़ाने, जन समुदाय में जागरूकता पैदा करने, क्षेत्र में ऐसे स्थान का चयन करने जिसमें लोगों की सहभागिता ज्यादा न हो तथा माताओं के साथ बैठक कर टीकाकरण को समय से करने आदि के बारें में विस्तार से बताया गया|
यूपीएचसी रामनगर की एएनएम हेमलता ने बताया कि कार्यक्रम में समझाया गया है कि नियमित टीकाकरण में वैक्सीन का रखरखाव बेहद जरूरी है। वैक्सीन का तापमान को नियंत्रित रखना, वैक्सीन को खोलने के साथ लाभार्थी को समय से टीका लगाना बहुत जरूरी है। टीकाकरण के बाद किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया के निरीक्षण के लिए लाभार्थी को कम से कम तीस मिनट के इंतजार के बाद ही घर भेजा जाए, इस पर विशेष ध्यान देना है| इसके साथ ही टीकाकरण के कार्ड पर समय से सही ब्यौरा दर्ज करना हैं जिससे लाभार्थी अन्य स्थान पर भी टीकाकरण करवा सकता है।

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