गोंडा में खुलेगा एंटी फ्रॉड सेल, डीआइजी ने की पहल

गोंडा। उपमहानिरीक्षक देवीपाटन परिक्षेत्र गोण्डा उपेंद्र अग्रवाल ने फर्जी बैनामा एवं फर्जी वसीयत से सम्बन्धित पीड़ितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गोंडा जिला स्तर पर एन्टी फ्राड सेल गठित करने के लिए पुलिस अधीक्षक गोंडा को निर्देशित किया है जिसमें निरीक्षकों व उपनिरीक्षकों को उपलब्धता के आधार पर नियुक्त किया जा सकेगा। एंटी फ्राड सेल ऐसे प्रकरणों की प्राथमिक जाँच ध्यानपूर्वक करते हुए तय करेगें कि प्रकरण में कोई कूट रचना हुई है कि नहीं।

जमीन घोटाले में 25 मामले एसआइटी के सुपुर्द

यह जाँच समयबद्ध तरीके से निस्तारित की जायेगी एवं उस पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का निर्णय पुलिस अधीक्षक या उससे वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा लिया जायेगा। एन्टी फ्रॉड सेल में कूट रचित बैनामा एवं फर्जी वसीयतनामा से सम्बन्धित प्रकरणों को देखा जायेगा। उधर जमीन पर कब्जेदारी, पट्टे की जमीन पर कब्जेदारी पैसे के लेन.देन के विवाद, व्यवसायिक विवाद आदि प्रकरण थाना स्तर पर पूर्व की भाँति निस्तारित किये जायेगें।

जमीन के 24 मामलों में मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी

डीआइजी श्री अग्रवाल ने बताया कि निबंधन कार्यालय तहसील सदर.गोण्डा मे अब तक 47 प्रकरण बैनामा बदलने एवं छेड़.छाड़ के पाये गये हैं जिनमें से 33 मामलों में मुकदमें दर्ज किये गये हैं तथा इन 33 मुकदमों में शासन ने सर्वप्रथम 21अक्टूबर को 10 मुकदमें को एसआईटी लखनऊ को स्थानान्तरित किये गये थे। पुनः शासन ने 25.11.को 15 मुकदमें एसआईटी लखनऊ को स्थानान्तरित किये गये है। इस प्रकार कुल 33 मुकदमों में से 25 मुकदमें एसआईटी लखनऊ को स्थानान्तरित किये जा चुके हैं। शेष मुकदमों को एसआईटी स्थानान्तरित कराये जाने हेतु शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर प्रेषित किया जायेगा।

शेष 14 प्रकरणों में पीड़ित पक्ष को तलाश कर प्राथमिकी पंजीकृत कराये जाने के लिए निर्देशित किया गया है। पुलिस उपमहानिरीक्षक, देवीपाटन परिक्षेत्र गोण्डा को उपलब्ध करायी गयी एक ऑडियो क्लिप पर उनके द्वारा विस्तृत जॉच के आदेश दिये गये हैं। जिसमें देा व्यक्तियों के बीच हो रही बातचीत से प्रथम दृष्टया स्पष्ट हो रहा है कि फर्जी बैनामें एवं जमीन हड़पने में लगे कतिपय अभियुक्तों द्वारा पुलिस कर्मियों को फर्जी रूप से फँसाने आदि के लिए प्रयास किया जा सकता है। महिला अपराध से संबंधित झूठा आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत कर प्राथमिकी दर्ज करवाने का प्रयास किया जा सकता है।

इस ऑडियो क्लिप में कई पीड़ितों के नाम लिये गये हैं जहाँ पूर्व में भी इनसे फर्जी मामले में फसाने की धमकी देकर वसूली की गयी है इसे गम्भीरता से लेते हुए जाँच के आदेश दिये गये हैं। जांच में सत्यता पाये जाने पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी। साथ ही जो पुलिस कर्मी ;एसआईटीद्ध फर्जी बैनामा की जाँच, विवेचना में लगे हैं उन्हें और सर्तक रहने के लिए निर्देशित किया गया है। पीड़ित पक्ष एवं अन्य विभाग के कर्मचारीगणों को भी सतर्क रहने के साथ सुरक्षा प्रदान करने की हिदायत दी गयी है। पूर्व में भी उपनिबन्धक व उनके कार्यालय के स्टाफ के विरूद्ध धारा 156/3 के अन्तर्गत झूठा आवेदन दिया गया था जिसे खारिज किया जा चुका है। ऐसा कोई आवेदन प्राप्त होने पर तत्काल उच्चाधिकारियों को संज्ञानित करने के भी निर्देश दिये गये है।

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