आरा में सेक्स रैकेट कांड की पीड़िता को प्रलोभन एवं दबाव देकर केस को प्रभावित करने वाले तत्वों को भी पुलिस चिह्नित करने में जुटी है। भोजपुर एसपी सुशील कुमार के आदेश पर पुलिस ने पीड़िता को मोबाइल देने वाले एक युवा नेता समेत अन्य की तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस ऐसे तत्वों को भी चिह्नित कर कार्रवाई करेगी कि जिसने पीड़िता को मोबाइल दिया और बाद में पीड़िता ने जिसे पुलिस को सुपुर्द कर दिया था। जांच के दौरान यह बात सामने आ रही है कि कतीरा इलाके के एक शो-रूम से मोबाइल खरीदकर पीड़िता को दिया गया था। इसके अलावा पैसे देने की भी कोशिश की गई थी।
जानकारी के लिए बताते चले आरा और पटना से जुड़े चर्चित सेक्स रैकेट मामले में आरजेडी के एक विधायक पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। बताया जा रहा है कि उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नाबालिग पीड़िता ने धारा 164 के तहत दोबारा कोर्ट में दर्ज कराए अपने बयान में आरजेडी विधायक का नाम लिया है।
एक सादे कागज पर भी दस्तखत कराया गया था। इधर राजद विधायक अरुण यादव को सरेंडर कराने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है। इसके लिए विधायक के करीबियों से भी बातचीत चल रही है। जिससे किसी तरह राजद विधायक को सरेंडर कराया जा सके लेकिन पिछले तीन दिनों से राजद विधायक का कोई ट्रेस नहीं मिल पा रहा है। एक मोबाइल बंद है। जबकि दूसरा मोबाइल कोई करीबी उठा रहा है।
प्रशासन अंदर ही अंदर बातचीत कर विधायक को जल्द से जल्द सरेंडर कराने को लेकर दबाव बना रही है। सूत्रों के अनुसार विधायक राजद के एक बड़े नेता से मिलकर सलाह लेने के बाद समर्पण करेंगे। उधर आरा से लेकर पटना की पुलिस आरोपी विधायक अरुण यादव को गिरफ्तार करने के लिए जगह जगह छापेमारी करने में जुटी हुई है किंतु अभी तक अरुण यादव किसी भी संभावित ठिकाने पर नहीं मिल सके हैं। सूत्र बताते हैं कि राजद के कुछ वरीय नेता की ओर से अरुण यादव को राज्य से बाहर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है और सरेंडर कराने की पहल की जा रही है।
पीड़िता बोली- उसे विधायक के पास भेजा जाता था
गौरतलब है कि नाबालिग पीड़िता बीते 18 जुलाई को पटना में चल रहे सेक्स रैकेट के चंगुल से किसी तरह छूटकर भोजपुर पुलिस के पास पहुंची थी. पीड़िता ने बताया था कि उसे पटना में एक इंजीनियर और एक विधायक के आवास पर भेजा जाता था।
विधायक ने संलिप्तता से किया था इनकार