
Seema Pal
Arvind Kejriwal : दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार के बाद पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल हार का मंथन करने के लिए पंजाब के होशियारपुर पहुंचे हैं। जहां वह जिले के गांव आनंदगढ़ स्थित विपश्यना मेडिटेशन सेंटर में 10 दिनों तक साधना करेंगे। विपश्यना में साधना करने के लिए अरविंद केजरीवाल 35 गाड़ियों के साथ 100 कमांडर लेकर गए हैं। इस दौरान उनका परिवार भी उनके साथ विपश्यन केंद्र पहुंचा। अभी अरविंद केजरीवाल विपश्यना सेंटर के पास स्थित एक आरामदायक आवासीय स्थान ठहरे हैं। जिसपर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर केजरीवाल की साधना में कमांडर सेना का क्या काम है?
अरविंद केजरीवाल विपश्यन में करेंगे दिल्ली में हार का मंथन
बता दें कि दिल्ली में भाजपा से हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने यह मान लिया है कि दिल्ली की जनता ने उन्हें नकार दिया। चुनाव से पहले दिल्ली की जनता से अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि अगर जनता ने उन्हें हरा दिया तो वह अपनी हार को स्वीकार करेंगे और दिल्ली की सत्ता अपनी मर्जी से छोड़ देंगे। चुनाव के बाद यही हुआ अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता ने हार का सामना कराया और उन्हें सत्ता से दूर कर दिया। अब केजरीवाल दिल्ली में मिली हार के लिए साधना करने जा रहे हैं, जहां वह हार के कारणों का मंथन करेंगे। साथ ही पार्टी में आई कमियों पर भी विचार करेंगे। अरविंद केजरीवाल विपश्यना केंद्र में 10 दिनों तक साधना में लीन रहेंगे। इस दौरान वह किसी से भी संपर्क नहीं करेंगे। वह पूरी तरह से मानसिक शांति पाने की कोशिश करेंगे। विपश्यन क्रिया में केजरीवाल अपने अंदर की आवाज सुनने की और आत्म-मूल्यांकन करने का प्रयास करेंगे।
केजरीवाल की साधान यात्रा पर सवाल
अब अरविंद केजरीवाल के विपश्यन केंद्र जाने पर राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल, अरविंद केजरीवाल अपनी साधना यात्रा में 35 गाड़ियों में 100 कमांडर लेकर गए हैं। भाजपा ने तंज किया है कि साधना के मार्ग में कमांडरों का क्या काम है? यह केवल केजरीवाल का दिल्ली की जनता के सामने एक पछतावे का दिखावा है। भाजपा ने केजरीवाल की साधना यात्रा पर कहा है कि राजनीति में अपनी छवि को सुधारने के लिए केजरीवाल का अच्छा कदम है, लेकिन उसमें इतनी सारे सुरक्षा कर्मियोें को क्यों ले जा रहे हैं।

क्या होती है विपश्यना साधना
विपश्यना एक प्राचीन भारतीय ध्यान पद्धति है, जिसका उद्देश्य मानसिक शांति, आत्म-ज्ञान और आत्म-नियंत्रण को प्राप्त करना है। यह ध्यान विधि व्यक्ति को अपने भीतर की स्थिति को समझने और मानसिक उलझनों से मुक्ति पाने में मदद करती है। केजरीवाल ने इस पद्धति को अपनाने का निर्णय लिया है, ताकि वह चुनावी परिणामों के बाद खुद को शांति और आत्म-निर्णय की स्थिति में पा सकें।