नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत बुधवार को और बिगड़ गई. एम्स ने उनके स्वास्थ्य पर एक बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि पिछले 24 घंटे से उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई है. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. उनकी तबीयत खराब होने का समाचार मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेता उनसे मिलने के लिए एम्स पहुंचे और उनके स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टरों से चर्चा की.
वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय वाजपेयी का एक ही गुर्दा काम करता है. वह पिछले 9 हफ्तों से एम्स में भर्ती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम में करीब सवा सात बजे अस्पताल पहुंचे और वहां करीब 50 मिनट तक रुके. मोदी के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल और बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी भी एम्स पहुंचीं. केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, अश्विनी कुमार चौबे, जितेंद्र सिंह, शाहनवाज हुसैन समेत कई नेताओं ने एम्स जाकर उनका हालचाल जाना.
सबसे पहले केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए एम्स गई थीं. केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने भी हॉस्पिटल जाकर पूर्व प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य की जानकारी ली.
बीते 11 जून को जब उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, तो उसके तीन दिन बाद उनकी सेहत में सुधार आना शुूरू हो गया था. उनका ब्लड प्रेशर सामान्य हो गया था और किडनी भी सही ढंग से काम करने लगी थी.
Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee has been admitted for the last
9 weeks at AIIMS. Unfortunately his condition has worsened over the last 24
hours. His condition is critical and he is on life support system: AIIMS pic.twitter.com/5tIkdEeddH— ANI (@ANI) August 15, 2018
लंबे समय से बीमार हैं पूर्व प्रधानमंत्री
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी को वाजपेयी के स्वास्थ्य की जानकारी दी थी. डॉ. गुलेरिया के नेतृत्व में वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की देखरेख कर रही है. डॉ. गुलेरिया पिछले 30 वर्षों से वाजपेयी के स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे हैं. वाजपेयी काफी समय से बीमार चल रहे हैं.
वह नई दिल्ली में 6-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते हैं. उन्होंने उठने-बैठने और बोलने में परेशानी होती है. कुछ समय से तो उन्हें लोगों को पहचानने में भी दिक्कत हो रही है. उनके निवास पर ही एम्स के डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख के लिए तैनात थी. बता दें कि जून, 2001 में वाजपेयी के घुटनों का ऑपरेशन हुआ था उसके बाद उनका स्वास्थ लगातार गिरने लगा था.